अभिनय एक भगवान का आशीर्वाद है-निर्मल कांडपाल


भवाली जीवन में विभिन्न व्यवसायों और आयाम से जुड़े लोग अपनी छवि से अभिनय कला के माध्यम से दर्शकों अपनी और आकर्षित करते हैं, प्रतिभा के धनी स्थानीय व्यवसाय निर्मल कांडपाल ने यह कर दिखाया है स्वयं सेवी संस्थाओं से लंबे समय से जुड़े सामाजिक कार्य करने वाले निर्मल कांडपाल ने अपने अंदर अपने अंदर इस अभिनय कला को पहचान कर आज से 25 वर्ष पूर्व भवाली की रामलीला में पहली बार सूर्पनखा पात्र का अभिनय कर दर्शनों को मंत्र मुग्ध कर दिया था। कांडपाल बताते हैं कि यह सिलसिला लगातार 25 वर्षों से लगातार चल रहा है, राम हमारे आदर्श हैं और रामलीला में मंचन भी एक पूजा है उनका कहना था कि हर वर्ष उनके अभिनय में निखार आते गया और 25 वर्षों के लगातार अभिनय करते हुए जो दर्शनों का प्यार स्नेह व प्रशंसा उनको हर वर्ष मिलता रहा उससे वह आनंदित होते हैं और एक उनके जीवन में अभिनय की वह कला जो उनके पास है वह उसको भगवान का आशीर्वाद मानते हैं।








