रुद्रप्रयाग

दुःखद न्यूज़- केदारनाथ में हुआ बड़ा हादसा, सात लोगों की हुई मृत्यु, देखिए वीडियो

https://youtu.be/PV77qa5muOU केदारनाथ-  उत्तराखंड में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया केदरानाथधाम में एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। जानकारी के अनुसार...

इनवर्टिस अपने क्षेत्र में पहली ऐसी यूनिवर्सिटी है,जिसने “अपने कैंपस के भीतर इंडस्ट्री”की लॉन्च  

  रूद्रप्रयाग- उत्तर भारत के सबसे प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थाओं में से एक, इनवर्टिस यूनिवर्सिटी, भारत के उन सम्मानित शिक्षण संस्थाओं की सूची में शामिल हो गई है, जिसे एनएएसी (राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यापन परिषद) की ओर से मान्यता दी  गई है यह किसी शिक्षण संस्थान को दी जाने वाली सबसे उच्च रैकिंग है यह उत्तर प्रदेश में बहुत से विषयों की शिक्षा देने वाली सबसे बड़ी यूनिवर्सिटीज में से एक है। शिक्षण संस्थाओं में शिक्षा की गुणवत्ता को परखने के नए तरीके से एनएएसी ((राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यापन परिषद) ने इसका मूल्यांकन किया उल्लेखनीय है कि एनएएसी की मान्यता किसी शिक्षण संस्थान में पाठयक्रम, पठनपाठन, छात्रों के मूल्यांकन की प्रक्रिया, शोध की स्थिति, आधारभूत ढांचे, छात्र को शिक्षकों से मिलने वाले सहयोग, प्रशासन और संस्थागत मूल्यों की  सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता को सुनिश्चित करती है। इनवर्टिस यूनवर्सिटी में करीब एक लाख छात्र पढ़ते हैं। इसनें 400 से ज्यादा उच्च प्रशिक्षित टीचर्स मौजूद है। इस यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग, लॉ, विज्ञान, ह्यूमनिटीज, मैनेजमेंट, फैशन डिजाइनिग, पॉलिटेक्नीक, पत्रकारिता, फार्मेसी, कृषि विज्ञान और शिक्षा आदि क्षेत्रों में तरह-तरह के कोर्स ऑफर किए जाते हैं। छात्र अब राज्य सरकार के साथ केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं और उसे हासिल कर सकते हैं।इसके साथ ही वह आसानी से सरकारी और प्राइवेट बैंकों से उच्च शिक्षा के लिए लोन हासिल कर सकते हैं। इनवर्टिस यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. उमेश गौतम ने कहा,“कठोर मूल्यांकन प्रक्रिया से गुजरने के बाद हम एनएसीसी की ओर से बेस्ट ग्रेड हासिल कर बेहद उत्साहित हैं। हम अपने छात्रों को समाज का मूल्यवान नागरिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।इसके लिए इनवर्टिस में हम जहां छात्रों को प्रैक्टिकल की सुविधा उपलब्ध कराते हैं, वहां उन्हें थ्योरी का पूरा ज्ञान उपलब्ध कराया जाता है। इसके साथ ही स्टार्टअप्स के लिए इनक्यूबेशन लैब स्थापित की गई है। इंटर्नशिप दी जाती है। फैल्टी इंडस्ट्री इमर्सन प्रोग्राम चलाया जाता है। इसके साथ ही छात्रों और इंडस्ट्री के दिग्गज नेताओं के बीच विचारविमर्श के कई सेशन भी आयोजित किए जाते है।“ इनवर्टिस अपने क्षेत्र में पहली ऐसी यूनिवर्सिटी है, जिसने “अपने कैंपस के भीतर इंडस्ट्री” लॉन्च की है। यहां छात्रों को इंडस्ट्रीज में काम करने के तौर-तरीके जानने का मौका मिलता है।

बड़ी खबर- केदारनाथ में बिछड़ गई छह वर्षीय नन्हीं आव्या को उनके परिजनों से पुलिस ने मिलाया

देहरादून। चारधाम यात्रा व्यवस्थाएं दुरुस्त बनी रहे, इसके लिए शासन-प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। यात्रा मार्ग पर किसी भी प्रकार...

आध्यात्मिक -10 हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट खुलने के बने गवाह

श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज बाबा केदारनाथ की जय उदघोष के साथ शुक्रवार वृष लग्न में  प्रातः 6 बजकर...

केदारनाथ में बनने वाले म्यूजियम में संजो कर रखी जाएगी उत्तराखंड की संस्कृति

देहरादून। भारत सरकार के संस्कृति विभाग के नेतृत्व में श्री केदारनाथ धाम में बनाए जाने वाले म्यूजियम में उत्तराखंड की संस्कृति को संजो कर रखा जाएगा। जिसमें मुख्य रूप से प्राचीन शिव मूर्तियों व चित्रों को शामिल किया जाएगा। बुधवार को सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में केदारनाथ धाम में होने वाले विभिन्न विकास कार्यों के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। जिसके तहत अस्पताल, अतिथि गृह, पुलिस स्टेशन व अन्य निर्माण कार्योँ के लिए 8 भवनों का ध्वस्तीकरण किया जाएगा। साल 2013 में आई आपदा से हुई क्षति से उभरने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से केंद्र सरकार के मार्गदर्शन में श्री केदारनाथ मास्टर प्लान के अंतर्गत विभिन्न निर्माण व पुनिर्माण कार्य किए जाने हैं। पर्यटन सचिव श्री दिलीप जावलकर ने बताया कि श्री केदारनाथ धाम में प्राचीन मूर्तियों का ओपन म्यूजियम बनाया जाएगा। जिसका कार्य भारत सरकार के संस्कृति विभाग के नेतृत्व में पूरा किया जाएगा। साथ ही तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरस्वती एवं मंदाकिनी नदी के संगम का अत्याधुनिक तरीके से पूर्ननिर्माण किया जाएगा। इसके अलावा श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दी जाए। इसके लिए धाम के पास अस्पताल भी तैयार किया जाएगा, जो अत्याधुनिक तकनीक और विभिन्न प्रकार की सुविधाओं से लैस होगा। इसके साथ ही धाम के आसपास एक अतिथि गृह, पुलिस स्टेशन और कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी तैयार किया जाएगा। केदारनाथ धाम में होने वाले विकास कार्यों के लिए जीएमवीएन और प्रशासनिक भवन में आने वाले 8 भवनों का ध्वस्तीकरण किया जाएगा। धाम में मलवा निस्तारण के लिए लोक निर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था का जिम्मा सौंपा गया है, जो करीब 33.25 लाख रुपये की लागत से कार्य पूरा करेगी। केदारनाथ धाम में बने जीएमवीएन और प्रशासनिक भवन वर्तमान में चालू हालत में हैं। जिसमें से 4 भवनों में प्रत्येक भवन में 5 कक्ष कुल 20 कक्ष हैं। जो यात्राकाल में जिला प्रशासन द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों के लिए शासकीय कार्य के लिए उपयोग में लाए जाते हैं। अन्य 4 भवन हालनुमा कक्ष के रूप में निर्मित हैं। जिनका उपयोग वर्तमान में लाया जा रहा है। इन सभी भवनों का करीब 77.00 लाख रुपये की लागत से ध्वस्तीकरण किया जाएगा। जिनके स्थान में करीब 5462 लाख रुपये की लागत से धाम में अन्य भवनों का निर्माण कार्य किए जाएंगे। पर्यटन सचिव श्री दिलीप जावलकर ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से केदारनाथ धाम बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें होने वाले विकास कार्य पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अहम योगदान देंगे।

उत्तराखंड प्रगतिशील पार्टी ने रुद्रप्रयाग क्षेत्र के विकास हेतु प्रेस वार्ता का किया आयोजन

रुद्रप्रयाग - उत्तराखंड प्रगतिशील पार्टी कि ओर से रुद्रप्रयाग के जीएमवीएन सभागार में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।...

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में गांवों को मिली कनेक्टिविटी-सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रुद्रप्रयाग में प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने कनेक्टिविटी पर काफी काम...

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा 85 करोड़ 94 लाख की योजनाओं का हुआ शिलान्यास एवं लोकार्पण

       मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रुद्रप्रयाग में द्वारा विभिन्न विभागों की  कुल लागत 85 करोड़ 94...

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