विश्व के सबसे बड़े कवि सम्मेलन में हल्द्वानी के युवा कवि गर्वित तिवारी हुए सम्मानित
10 जनवरी विश्व हिंदी दिवस मनाने हेतु बुलंदी साहित्य सेवा समिति के द्वारा विश्व का तीसरा अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन आयोजित किया गया।
बुलंदी पहले भी दो बार वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाली संस्था है तथा अपने कार्यों के लिए विश्व में जानी जाती है।
अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का शुभारंभ 10 जनवरी 2024 को 10:00 बजे बुलंदी के संस्थापक अंतरराष्ट्रीय कवि विवेक बदला भोजपुरी जी द्वारा किया गया। यह सम्मेलन 16 जनवरी को समाप्त हुआ।
कार्यक्रम का आयोजन जूम एप्लीकेशन के माध्यम से पूरे विश्व में कीर्तिमान बनाते गया तथा श्रोता गणों ने बुलंदी यूट्यूब माध्यम से सुना। यह कार्यक्रम ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड के स्थानीय चैनलों में प्रसारित हुआ।
बुलंदी साहित्य सेवा समिति द्वारा विगत दो वर्षों से दो बार विश्व कीर्तिमान बनाने के पश्चात इसी श्रंखला को बढ़ते हुए इस वर्ष भी हिंदी काव्य का महाकुंभ वर्चुअल कवि सम्मेलन आयोजित किया जिसको हाॅवर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड (लंदन) एवं इंडिया वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया।
इस विश्व के सबसे बड़े कवि सम्मेलन में हल्द्वानी के युवा कवि गर्वित तिवारी जी को भी आमंत्रित किया गया जहां उन्होंने अपनी देशभक्ति कविता से पटल की शान बढ़ाई तथा क्रांतिकारी के बलिदानों को स्मरण कराया।
गर्वित तिवारी जी, स्थानीय निवास हल्द्वानी, अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के साथ-साथ अनेकों कवि सम्मेलनों में आमंत्रित कराये जा चुके हैं जहां उन्हें कई सम्मान प्राप्त हुए हैं जैसे साहित्य श्री, देवनागरी सम्मान आदि। गर्वित तिवारी जी अपनी कविताएं प्रेम रस, श्रृंगार रस, व वीर रस में लिखते हैं। वह अपनी कविताओं के माध्यम से आसपास का वातावरण और सामाजिक मुद्दों को स्पष्ट रूप से लोगों तक पहुंचते हैं। गर्वित जी की कविताएं सिर्फ उत्तराखंड में नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष एवं आसपास के पड़ोसी देश जैसे नेपाल आदि में भी प्रकाशित हुई है।
इन सब कार्यों के लिए उनका नाम बुलंदी साहित्य सेवा समिति के द्वारा इंडिया वर्ल्ड रिकॉर्ड एवं हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया गया, जिसका प्रमाण पत्र इनको 18 फरवरी 2024 को प्राप्त हुआ।