डीसीएफआर भीमताल ने मनाया राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस
भीमताल शीत जल मत्स्य की अनुसंधान निदेशालय में तीसरी राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस का आयोजन किया गया यह दिवस मत्स्य पालन के क्षेत्र में प्रोफेसर डॉक्टर हीरालाल चौधरी और उनके सहयोगी डॉक्टर के एच डॉक्टर के एच अली कुंडी के योगदान को सम्मान एवं स्मरण करने के लिए पूरे भारत में मनाया जाता है उन्होंने आज के दिन 1967 में भारतीय मेजर कॉर्प हाइपोफिजेशन प्रेरित प्रजनन तकनीकी के द्वारा इंड्यूस्ड ब्रीडिंग एवं रिप्रोडक्शन शुरू कर मत्स्य पालन के क्षेत्र में क्रांति की शुरुआत की थी शीतल जल मत्स्य की अनुसंधान निदेशालय भीमताल में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉक्टर से शिव प्रसाद किमोथी सदस्य कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल ने अपने संबोधन में सभी मत्स्य कृषकों को बधाई जीते हुए कहा कि मछली पालन द्वारा पर्वतीय क्षेत्र के किसान अपनी आय को दोगुना करने की की दिशा में कार्य करें निदेशालय के निदेशक डॉ प्रमोद कुमार पांडे ने सभी अतिथियों एवं मछली पालक किसानों का स्वागत करते हुए शीत जल मत्स्य पालन के क्षेत्र में संस्थान की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला कार्यक्रम में डॉक्टर गोपाल कृष्ण भूत पूर्व निदेशक सी सीआई एफ आई मुंबई डॉक्टर लक्ष्मीकांत निदेशक भारतीय भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा एवं डॉ एके मोहंती संयुक्त निदेशक आईवीआरआई मुक्तेश्वर विशिष्ट अतिथि रहे मत्स्य पालन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रगतिशील मत्स्य पालक राकेश चंद निवासी लोशज्ञानी नैनीताल भोले राम राणा निवासी सितारगंज एवं विशन चंद्र आर्य निवासी हरिनगर नैनीताल को सम्मानित किया गया इन सफल मत्स्य पालको ने अपनी सफलता की कहानी को प्रस्तुत किया कार्यक्रम में पशुपालकों को मछली पालन हेतु मछली का आहार मछली पकड़ने के जाल तथा मछली के बीज का भी वितरण किया गया इस अवसर पर वैज्ञानिक कृषक संवाद का भी आयोजन किया गया जिसमें संस्थान के वैज्ञानिक डॉ अमित पांडे डॉक्टर नित्यानंद पांडे डॉ सुरेश चंद्र डॉक्टर और आर एस पतियाल डॉ आर एस हलदार ने विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए और पशुपालकों की विविध मैंने समस्याओं पर विचार विमर्श किया इस कार्यक्रम में शीत जल मत्स्य की निदेशालय के अधिकारी डॉ विशाल दत्ता शिखा आर्य डॉक्टर बीना पांडे विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए 50 से अधिक मत्स्य पालको मत्स्य की महाविद्यालय हिसार के विद्यार्थी एवं निदेशालय के कर्मचारी उपस्थित थे वैज्ञानिक डॉक्टर रेनू जेठी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत कर कार्यक्रम का समापन किया कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर प्रज्ञान दास डॉक्टर शिवानंद पांडे ने किया