प्रत्येक भारतीय के लिए भारतीय संविधान सबसे बड़ा राष्ट्रीय ग्रंथ : प्रो. विनय विद्यालंकार

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शहीद श्री खेमचन्द्र डौर्बी राजकीय महाविद्यालय बेतालघाट, नैनीताल में भारतीय संविधान दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना एवं मतदाता जागरूकता क्लब के संयुक्त तत्वावधान में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर विनय विद्यालंकार ने संविधान की प्रस्तावना का वाचन करने के उपरांत कहा कि मानव सभ्यता के प्रारम्भ होने से लेकर आज तक मानव समाज को व्यवस्था में चलाने के लिए बनाए गए संविधानों का उल्लेख मिलता है। उन्होंने विधान और संविधान में अंतर स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रकृति हमको विधान के रूप में स्वाभाविक धर्म सिखाती है और मनुष्य देश,काल व परिस्थिति के हिसाब से व्यवस्था बनाने के लिए संविधान का निर्माण करता है। मानव समाज का सबसे पहला संविधान ऋग्वेद है और उसके बाद मनुस्मृति रहा है,जिससे प्रेरणा लेकर अनेक देशों के संविधान बने हैं। स्वतंत्रता के बाद भारतीय संविधान सभा ने अनेक संविधानों का अध्ययन करने के उपरांत भारतीय संविधान को निर्मित किया, जिस संविधान सभा के अध्यक्ष देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे, जबकि प्रारूप समिति के अध्यक्ष कानून विद डॉ.भीमराव अंबेडकर जी थे, 2 साल 11 महीने में तैयार हुए संविधान को 26 नवंबर 1949 को पूर्ण कर लिया गया था, किंतु 26 जनवरी 1930 में स्वतंत्रता दिवस की घोषणा की गई थी उस तिथि के महत्व को दृष्टिगत रखकर उसे लागू करने के लिए 26 जनवरी 1950 की तिथि निश्चित की गई। भारतीय संविधान में अब तक 127 संशोधन हो चुके हैं इससे ज्ञात होता है कि मनुष्य द्वारा निर्मित कोई भी संविधान पूर्ण नहीं होता उसमें समय-समय पर संशोधन की आवश्यकता होती है।हम सभी भारतीयों के लिए अब सबसे अधिक सम्माननीय पवित्र ग्रन्थ भारतीय संविधान ही है, जिसका अनुपालन प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है।
कार्यक्रम में डॉ. दीपक ने संविधान की मूल भावना पर तथ्यात्मक जानकारी छात्रों से साझा की। यहां डॉ. ईप्सिता सिंह एवं संयोजक श्रीमती ममता पांडे ने संविधान के अधिकारों, कर्तव्यों, स्वतंत्रता, समानता पर अपने विचार रखे।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. भुवन मठपाल ने संविधान शिल्पियों को नमन करते हुए कहा संविधान नियमों और कानूनों का एक समूह है। जो देश के संचालन को संविधान सम्मत विनियमित करता है।
इस अवसर पर महाविद्यालय की वरिष्ठ प्राध्यापिका डॉ. जयति दीक्षित, भास्करानंद पंत, डॉ. फरजाना अज़ीम, श्रीमती सपना, बीएलओ बेतालघाट भगवती बिष्ट, बीएलओ अमेल अंजू बिष्ट, अनिल नाथ, मुकेश रावत, प्रेमा देवी, छात्राओं में मनीषा, प्रियंका, बबीता, कोमल, पूजा जोशी, हिमानी,रेनू आदि कई छात्र छात्राएं उपस्थित रहीं।

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