इस गणतंत्र दिवस पर क्या है महत्त्वपूर्ण,आइये जानते हैं
इस गणतंत्र दिवस पर क्या है महत्त्वपूर्ण ।,,,,,,,,,,हमें गर्व है अपने देश भारतवर्ष पर। विश्व का एक यही देश ऐसा है जिसे संबोधित करके पुकारा जाता है माता। भारत माता। विश्व का ऐसा देश जहां की मिट्टी और पत्थर भी पूजे जाते हैं। हमें गर्व है ऐसे देश से जहां अनेकता में एकता का पाठ पढ़ाया जाता है। हमें गर्व है ऐसे देश पर जहां अनेकों भाषाएं बोली जाती हैं। हमें गर्व है ऐसे देश पर जहां सभी धर्मों का आदर किया जाता है। हमें गर्व है ऐसे देश पर जिस देश की सुंदरता का वर्णन सिर्फ संपूर्ण विश्व में ही नहीं अपितु अंतरिक्ष में भी किया गया है। हमारे देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिक श्री राकेश शर्मा जी जब चंद्रमा की यात्रा पर थे तब उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने जब उनसे पूछा कि यहां से धरती का नजारा कैसा लग रहा है। तब अंतरिक्ष से उनका जवाब था सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा। हमें गर्व है अपने देश के संविधान पर आज ही के दिन 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू किया गया। इस संविधान के अनुसार भारत को गण तांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। हमारे देश में लोकतांत्रिक प्रणाली की राह तैयार करने वाला संविधान आज ही के दिन लागू हुआ। जिसके चलते इस दिन का भारतीय इतिहास में विशेष महत्व है। गण तांत्रिक राष्ट्र बनने के उपलक्ष्य में ही इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है और यह देश के राष्ट्रीय पर्व में से सबसे महत्वपूर्ण पर्व है। यह गणतंत्र दिवस का महान पर्व देश के सभी सरकारी संस्थानों में बहुत हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। हमारे देश भारत वर्ष की राजधानी दिल्ली में राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के रूप में आयोजित किया जाता है। जिसमें कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक देश के सभी राज्यों के सभी क्षेत्रों के उपलब्धियों की झलक देखने को मिलती है हर जगह की संस्कृति की झलक भी देखने को मिलती है। देश के हर राज्य के हर क्षेत्र के विद्यालयों मैं इस अवसर पर विशेष आयोजन होते हैं। प्रभात फेरी निकाली जाती है। तिरंगा फहराया जाता है राष्ट्रगान गाया जाता है। देश की अलग-अलग भाषाओं में देशभक्ति के गीत सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भारत माता की जय। वंदे मातरम की ध्वनि से संपूर्ण गगन मंडल गुंजायमान रहता है। हमारा संविधान संपूर्ण विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। जिसमें 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थी 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को स्वीकार किया गया पर इसे 26 जनवरी 1950 से लागू करने का निर्णय लिया गया। भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है। इसमें विश्व के विभिन्न देशों के संविधान ओं की अच्छी बातों को स्थान दिया गया है। संसदीय प्रणाली विट्रेन से ली गई है तो मौलिक अधिकार अमेरिका के संविधान से तथा मौलिक कर्तव्य पूरे सोवियत संघ से लिए गए हैं। इसके अतिरिक्त राज्य के नीति निर्देशक तत्वआयरलैण्ड से तो संसोधन प्रक्रिया दक्षिण अफ्रीका के संविधान से ली गई है। वयस्क मताधिकार की व्यवस्था भारतीय संविधान में की गई है। संविधान देश में एकीकृत और स्वतंत्र न्याय प्रणाली की व्यवस्था करता है। हमारे इस संविधान में बहुत सी खूबियां हैं जिनको नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए भारतीय संविधान में स्थान दिया गया है। यह अपने आप में संपूर्ण है।