कामयाबी की कोई उम्र नहीं होती और प्रतिभा सही दिशा में चले तो कामयाबी की ओर ले जाती है ऐसा ही कुछ कर दिखाया हल्द्वानी के रहने वाले गगन त्रिपाठी ने, आइये जानते हैं
हल्द्वानी- आज के इस दौर में जब खेती निरंतर कम होती जा रही है और शहर कंक्रीट के जंगल में तब्दील होते जा रहे हैं ऐसे में जलवायु परिवर्तन ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएं अब सामने आने लगी है लिहाजा छोटी सी छोटी जगह में भी इनडोर और आउटडोर पौधे लगाकर लोग शहर में भी अपने घर में हरियाली कर सकते हैं । लोगों को जागरूक करने और इनडोर और आउटडोर पौधों की जानकारी के लिए छोटी सी उम्र में हल्द्वानी के मुखानी के रहने वाले गगन त्रिपाठी ने प्लांट ऑर्बिट की स्थापना की है ।
कहते हैं कामयाबी की कोई उम्र नहीं होती और प्रतिभा सही दिशा में चले तो कामयाबी की ओर ले जाती है ऐसा ही कुछ कर दिखाया हल्द्वानी के रहने वाले गगन त्रिपाठी ने….जिनकी उम्र 21 वर्ष है और इनके प्लांट ऑर्बिट का टर्नओवर 30 लाख के करीब है ना गजब की बात… आखिर कैसे जानते हैं गगन त्रिपाठी के बारे में..
हल्द्वानी के मुखानी चौराहे के पास रहने वाले गगन त्रिपाठी बीएससी एग्रीकल्चर के छात्र हैं, और बचपन से ही पेड़ पौधों से लगाव होने के चलते उन्होंने पढ़ाई के साथ साथ बतौर स्टार्टअप प्लांट ऑर्बिट नाम से ऑनलाइन नर्सरी शुरू की। केवल 3 सालों में अपनी लगन और मेहनत से पढ़ाई के साथ साथ प्लांट ऑर्बिट ऑनलाइन नर्सरी के जरिए गगन ने अपना टर्नओवर 30 लाख पहुंचा दिया। वर्तमान में गगन उत्तर भारत सहित कई राज्यों में 200 प्रजातियों के पौधे प्लांट ऑर्बिट के माध्यम से अपने क्लाइंट तक पहुंचा रहे हैं।
खबर पहाड़ से बात करते हुए गगन त्रिपाठी ने बताया कि शुरुआत में उनके सामने दिक्कतें जरूर आई, लेकिन धीरे-धीरे डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया का इस्तेमाल के साथ ही पेड़ पौधों के ज्ञान और लोगों तक सही दाम में पौधों की डिलीवरी ने उनके काम को तेजी के साथ आगे बढ़ाया। गगन दावा करते हैं कि आज के दौर में इंडोर प्लांट्स सबसे सस्ते दामों में प्लांट ऑर्बिट ही दे सकता है। गगन के मुताबिक जैसे-जैसे काम बढ़ रहा है तो वह और भी लोगों को अपने इस रोजगार से जोड़ रहे हैं। प्लांट ऑर्बिट गूगल में भारत की टॉप फाइव कंपनियों में सर्चिंग रेंज में आने लगी है।
21 साल की उम्र में प्लांट ऑर्बिट को खड़ा करने वाले गगन का कहना है की पहली बार जब वह किसी सेमिनार में भाग लेने के लिए गए थे, तो वहां उन्हें इनडोर प्लांट्स तथा आउटडोर प्लांट्स के रेट के बारे में जानकारी मिली। जिसके बाद उन्होंने कई नर्सरी का विजिट किया। तो उन्हें लगा कि वह बेहद कम दाम में लोगों को पौधे उपलब्ध करा सकते हैं। लिहाजा आज के डिजिटल दौर में उन्होंने प्लांट ऑर्बिट की स्थापना की, जो आज बेहतर दिशा में चल रहा है। गगन का कहना है कि अगले 5 से 10 सालों में वह प्लांट ऑर्बिट को भारत का सबसे बड़ा ऑनलाइन प्लांट प्लेटफार्म बनाना चाहते हैं। और लोगों को सबसे कम दाम में पौधे उपलब्ध कराना उनकी पहली प्राथमिकता है।