स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी द्वारा पर्यावरणीय स्थिरता और जल संरक्षण पर केंद्रित एक संगोष्ठी का किया गया सफल आयोजन
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स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, देहरादून द्वारा पर्यावरणीय स्थिरता और जल संरक्षण पर केंद्रित एक संगोष्ठी का सफल आयोजन किया गया, जिसमें विशेष रूप से नमामि गंगे जागरूकता पहल पर जोर दिया गया। इस कार्यक्रम में प्रतिष्ठित वक्ताओं और संकाय सदस्यों ने जल संरक्षण और सतत विकास उपायों के महत्व पर विचार-विमर्श किया। संगोष्ठी की शुरुआत डॉ. श्याम कापड़ी (सहायक डीन, परियोजनाएँ, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, देहरादून) के उद्घाटन भाषण से हुई, जिसके बाद डॉ. विशाल सागर (विभागाध्यक्ष, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, देहरादून) ने स्वागत भाषण दिया।
प्रमुख वक्ताओं में प्रो. (डॉ.) कमल कांत जोशी (विभागाध्यक्ष, पर्यावरण विज्ञान, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी) शामिल थे, जिन्होंने “नमामि गंगे परियोजना के तहत जल संसाधन संरक्षण” पर चर्चा की, जबकि प्रो. (डॉ.) विनय काण्डपाल (प्रबंधन अध्ययन विभाग, ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी, देहरादून) ने “नमामि गंगे के महत्व: गंगा की शुद्धता और विरासत का संरक्षण” विषय पर व्याख्यान दिया। इसके अलावा, डॉ. हरीश कुमार (सहायक प्रोफेसर, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, देहरादून) ने “भारत में जल संकट: चुनौतियाँ, नवाचार और सतत समाधान” विषय पर विचार साझा किए, और अनूप बहुगुणा (विभागाध्यक्ष, सिविल इंजीनियरिंग, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, देहरादून) ने “घरेलू सीवेज कनेक्शन: महत्व और चुनौतियाँ” विषय पर अपनी प्रस्तुति दी।
डॉ. सरगम बहल और डॉ. स्वेता चौहान ने इस कार्यक्रम का संचालन कुशलतापूर्वक किया, जिससे यह सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। संगोष्ठी ने स्वच्छ गंगा मिशन और सतत जल प्रबंधन की आवश्यकता को प्रभावी ढंग से उजागर किया। इस ज्ञानवर्धक चर्चा के माध्यम से, विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों को पर्यावरण संरक्षण प्रयासों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया गया, जिससे विश्वविद्यालय की सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता और मजबूत हुई।