योग आत्मिक शांति का मार्ग भी है, और यह किसी एक धर्म,क्षेत्र या लोगों से जुड़ा नहीं है बल्कि पूरे विश्व और सम्पूर्ण मानवता से है जुड़ा
हार्टफुलनेस संस्थान द्वारा 100 दिवसीय योग कार्यक्रम 15 मार्च से 20 जून 2021
योग आत्मिक शांति का मार्ग भी है, और यह किसी एक धर्म,क्षेत्र या लोगों से जुड़ा नहीं है बल्कि पूरे विश्व और सम्पूर्ण मानवता से है जुड़ा
‘योग- एकता तथा कुशल क्षेम के लिए’ कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति महामहिम श्री रामनाथ कोविंद।
‘योग- एकता तथा कुशल क्षेम के लिए’ कार्यक्रम के माध्यम से हार्टफुलनेस संस्थान ने एक स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पारंपरिक तथा विश्वसनीय योग संस्थानों को संयुक्त करते हुए 100 दिनों की योग श्रृंखला का शुभारम्भ किया।
देहरादून, 15 मार्च 2021- माननीय राष्ट्रपति महोदय श्री रामनाथ कोविंद तथा हार्टफुलनेस के मार्गदर्शक एवं श्री रामचंद्र मिशन के अध्यक्ष श्री कमलेश पटेल (दाजी) ने 100 दिनों के योग एवं ध्यान के अभ्यास के द्वारा वैश्विक समुदाय को और अधिक स्वस्थ एवं सुखी जीवन हेतु एक साथ लाने के उद्देश्य से ‘योग- एकता तथा कुशल क्षेम के लिए’ की पहल का शुभारम्भ किया। इस पहल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाने पतंजलि योग पीठ से योग-ऋषि बाबा रामदेव, आयुष मंत्रालय के सचिव श्री राजेश कोटेचा तथा स्वामी विवेकानंद योग अनुसन्धान संस्थान के संस्थापक कुलपति डा एच आर नागेन्द्र भी उपस्थित थे।
पूरे विश्व के लोग हर सुबह इस आभासी-सत्र में ‘योग- एकता तथा कुशल क्षेम के लिए’ के बैनर तले एकत्र होकर सैकड़ों वर्ष से मान्य योग के शीर्ष संस्थानों के प्रशिक्षकों के निर्देशानुसार आसन सीख सकेंगे। हर बुधवार एवं शनिवार को प्रतिभागी इसके अतिरिक्त वार्ताओं की श्रृंखला भी सुन सकेंग। पूज्य दाजी प्राणाहुति(जीवन ऊर्जा) के द्वारा कार्यक्रम के लाभार्थियों को रूपांतरण का अनुभव देने वाले ध्यान के विशिष्ट सत्रों का संचालन करेंगे। इस श्रृखला का समापन सुप्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन होगा।
भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने अपने सन्देश में कहा, “मैं स्वामी रामदेव जी, डा. एच आर नागेन्द्र, श्री कमलेश पटेल(दाजी) तथा अन्य योग गुरु, जो अपनी विशिष्ट प्रभावशाली शैली से कार्यक्रम के लाभार्थियों की मदद करेंगे, की हार्दिक सराहना करता हूँद्य” उन्होंने आगे कहा कि “दुनिया विज्ञान और तकनीक की मदद से ही आगे बढ़ती है, मानव जाति और प्रकृति के बीच सतत रूप से एक संतुलन बहाल किये जाने की बहुत जरुरत है। योग के अनुसार स्वास्थ्य की संकल्पना, शारीरिक स्वास्थ्य से कहीं आगे बढ़कर है। योग समग्र स्वास्थ्य का एक ऐसा तरीका है जो शारीरिक और मानसिक दोनों क्षमताओं का रखता हैद्य इसके परिणाम स्वरुप हमें मनोवैज्ञानिक दबावों और शारीरिक तकलीफों दोनों से छुटकारा मिलता है। इससे अत्यंत उच्च स्तर की सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती हैद्य योग आत्मिक शांति का मार्ग भी है, और यह किसी एक धर्म या क्षेत्र के लोगों से नहीं जुड़ा है बल्कि पूरे विश्व और सम्पूर्ण मानवता से जुड़ा है।”
हार्टफुलनेस के मार्गदर्शक दाजी ने कहा कि, “भारत, मनुष्य के जीवन के उद्देश्य का अनुसन्धान करने के अनेकानेक अभ्यासों का जनक रहा है। मुझे गर्व है कि हार्टफुलनेस संस्थान, दुनिया के लोगों को आसानी से योग एवं ध्यान सीखने में विश्व के विभिन्न संस्थानों के संयुक्त प्रयासों में सहयोग कर पा रहा है। मैं हर व्यक्ति से अनुरोध करूँगा कि अपने जीवन में कायापलट ला सकने वाले इन सत्रों में शामिल होने का समय निकालें जो न सिर्फ निशुल्क हैं, घर बैठे ही उपलब्ध हैं।
पूर्व में भी, नवम्बर 2019 में मैसूर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग सम्मलेन में, दाजी ने सभी आध्यात्मिक संस्थाओं को मानवता के उत्थान हेतु साथ मिलकर काम करने का आव्हान किया था। तब से हार्टफुलनेस संस्थान लगातार अनेक आध्यात्मिक, योग, ध्यान संस्थानों तथा प्रमुख शासकीय संगठनों को योग को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने के लिए एकजुट करने में प्रयासरत है। दाजी का सीधा सन्देश था कि- योग और अध्यात्म से जुड़े प्रत्येक संस्थान अत्यंत प्रभावशाली हैं एवं लोगों के जीवन में परिवर्तन ला रहे हैं अतः सब मिलकर कार्य करें तो मानवता का रूपांतरण और भी तेज गति से हो सकता है।
पतंजलि योगपीठ के अध्यक्ष योग ऋषि स्वामी रामदेव ने इस रूपान्तरकारी पहल के बारे में कहा, “महामारी के बाद के संसार में यह योग और ध्यान के लिए एक नए युग की शुरुआत है। बहुत लोगों ने योग और आसन करना शुरू किया है लेकिन वे हमारी सामूहिक चेतना को विकसित करने वाली इसकी पूरी क्षमता को नहीं समझ पाए हैंद्य यह श्रृंखला न केवल अभ्यास करने वालों को सामूहिक कल्याण के लक्ष्य के लिए एकता के सूत्र में बांधेगी, बल्कि उन्हें योगिक जीवनचर्या की पूरी क्षमता को जानने में मदद करेगी और योग संस्थानों के बड़े समूह से सम्बंधित होने में सहायक होगी जी पारंपरिक एवं वास्तविक पद्धतियों में प्रवीणता पाकर उन्हें आगे बढ़ा रहे हैं।”
भारत के आयुष मंत्रालय के सचिव, वैद्य श्री राजेश कोटेचा ने कहा, “आयुष मंत्रालय भी विभिन्न ख्यात योग संस्थानों के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को सच्चा सामूहिक अभियान बनने की दिशा में कार्य कर रहा है। मंत्रालय श्री रामचंद्र मिशन या हार्टफुलनेस इंस्टिट्यूट की ओर से चलाए जा रहे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से सम्बंधित अभियान में सहयोग कर रहा है जिसका विषय है, ‘योग- एकता और कुशल-क्षेम के लिए’।
स्वामी विवेकानंद योग अनुसन्धान संस्थान के संस्थापक एवं कुलपति डॉ. एच. आर. नागेन्द्र ने कहा, “हम श्रीराम चन्द्र मिशन द्वारा, पारंपरिक विश्वसनीय योग संस्थानों को एकजुट कर विश्व समुदाय के साथ परस्पर संवाद स्थापित किये जाने के प्रयासों के लिए धन्यवाद देते हैंद्य 100 दिनों तक योग के इस अभ्यास के दौरान प्रतिभागियों को योग एवं ध्यान को अपने दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने के असीमित अनुभव मिलेंगे।”
गत माह, हार्टफुलनेस अभ्यास के 75 वर्ष पूर्ण होने के उत्सव के अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदीजी ने कहा था कि, “दुनिया तीव्र-गति वाली जीवन-शैली से उत्पन्न हो रही महामारी, अवसाद तथा आतंकवाद जैसी बुराइयों से संघर्ष कर रही है। ऐसी स्थिति में सहजमार्ग, हार्टफुलनेस कार्यक्रम तथा योग दुनिया के लिए आशा की किरण हैं।” ‘योग- एकता तथा कुशल क्षेम के लिए’ का यह कार्यक्रम हार्टफुलनेस संस्थान की ओर से उच्चतर लक्ष्यों को पाने के लिए हम सब को एकजुट करने हेतु एक और कदम है जो बिना किसी अवरोध हम सब के मध्य एकजुटता कायम करेगा।
‘योग- एकता तथा कुशल क्षेम के लिए’ः मार्च 15- जून 21 2021’
इस श्रृंखला की मदद से हार्टफुलनेस संस्थान मानवता की भलाई के लिए पारंपरिक योग शिक्षण संस्थाओं को एक साथ कर के उनकी पद्धतियों को एक मंच पर ला रहा हैद्य यह पूरी श्रृंखला प्रतिभागियों के लिए निःशुल्क उपलभध हैद्य इसमें 15 मार्च से शुरू करके अगले 100 दिनों तक हार्टफुलनेस के यूट्यूब चैनल और अन्य सोशल मीडिया मंचों पर विभिन्न परम्पराओं के 75 से अधिक योग अभ्यास, योग विशेषज्ञों के द्वारा 30 से अधिक साप्ताहिक व्याख्यान और दाजी के साथ सप्ताहांत में मास्टरक्लास आयोजित की जाएँगीद्य प्रतिभागी
https://heartfulness.org/en/yoga4unity/ पर रजिस्टर करके सभी सत्रों के लिए निःशुल्क प्रवेश पा सकते हैंद्य
इस कार्यक्रम को आयुष मंत्रालय, यूनाइटेड नेशन्स इनफार्मेशन सेण्टर भारत एवं भूटान, योग फाॅर हार्मनी एंड पीस और द एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनीवर्सिटीज का सहयोग प्राप्त है।