पर्यावरण संस्थान के निदेशक प्रो. सुनील नौटियाल व कुलपति प्रो. डी एस रावत ने किया दो दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस मॉडर्न ट्रेंड्स इन डिवर्सिटी ऑफ मेडिसिनल प्लांट्स शुभारंभ

डीएसबी परिसर के कला संकाय भवन में आज विजिटिंग प्रोफेसर निदेशालय तथा बॉटनी डिपार्टमेंट के द्वारा आयोजित तथा कुमाऊं विश्वविद्यालय तथा यू कॉस्ट द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस मॉडर्न ट्रेंड्स इन डिवर्सिटी ऑफ मेडिसिनल प्लांट्स शुभारंभ पर्यावरण संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सुनील नौटियाल तथा कुलपति प्रो. दिवान एस रावत ने किया । कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन किया गया तथा कुलगीत से कार्यक्रम प्रारंभ तथा राष्ट्रगान से कार्यक्रम संपन्न हुआ । कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रो. नौटियाल ने कहा आज भी 80 प्रतिशत मेडिसिनल प्लांट फॉरेस्ट से आ रहे है उन्होंने कहा कि इन्हें वेजिटेटेटिव प्रोफेशन जरूरी है । उन्होंने इंडस्ट्री के लिए सिंपल वैल्यू चैन बनाने की अपील की । डॉ नौटियाल ने कहा कि हम ट्रेडीशनल ज्ञान से इससे आगे बढ़ाए उन्होंने कहा कि संस्थान कई औषधीय पाओगे पर कार्य कर रहा है जो उत्तराखंड सहित देश एवं विश्व की आर्थिकी को बड़ा सकते है । डॉ नौटियाल ने कहा की अश्वगंधा ,जटामांसी ,हत्था जड़ी ,तुलसी , वन हल्दी ,मेधा ,बहुत प्रॉमिसिंग है
कुलपति प्रोफेसर दिवान एस रावत ने कहा की मेडिसिनल प्लांट का एक बड़ा सेक्टर है जो जीवन के साथ बीमारियों से मुक्ति भी दे सकते है उन्होंने मल्टीडिसिप्लिनरी शोध को बढ़ावा देने को कहा। प्रो. रावत नए कहा कि प्रकृति की हमारी दवा है 3000 बीसी से औषधीय पौधों का प्रयोग होता है तथा वर्तमान मे 50 से 70 हजार औषधीय एवं एरोमेटिक प्लांट प्रकृति में है । निदेशक प्रो. रजनीश पांडे ने सभी का स्वागत किया तथा तथा डीन साइंस प्रोफेसर चित्रा पांडे ने सभी का धन्यवाद किया । कार्यक्रम का संचालन करते हुए निदेशक तथा विभागाध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की और कहा कि मेडिसिनल प्लांट का उल्लेख ऋग्वेद में भी है तथा अथर्ववेद जिससे एनक्लोपीडिया ऑफ मेडिसिन कहा जाता है इसी में आयुर्वेद भी शामिल है । चरक संहिता में तुलसी ,चंदन पीपल की जिक्र मिलता है । प्रो. तिवारी ने कहा कि 2050 में 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी मेडिसिनल प्लांट की होगी तथा 100 मिलियन लोगों की आजीविका का साधन होगा ।।तकनीकी सत्र में फैलो ऑफ नेशनल अकादमी डॉ शेर सिंह सामंत ने डायवर्सिटी ऑफ मेडिसिनल प्लांट , वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ आई डी भट्ट ने मेडिसिनल प्लांट मैनेजमेंट ,पंतनगर विश्वविद्यालय की बॉटनी की विभागाध्यक्ष प्रो. प्रीति चतुर्वेदी ने मेटाबॉलिटीज ऑफ मेडिसिनल प्लांट , प्रोफेसर एसडी तिवारी ने औषधीय ब्रायोफाइट्स , डॉ बी एस कालाकोटी ने मेडिसिनल प्लांट के व्यवसायिक इस्तेमाल, डी एफओ बलवंत सिंह साही ने औषधीय पौधों की नर्सरी तथा तथा संगंध पौध प्रशिक्षण पर अपने व्याख्यान दिए । कॉन्फ्रेंस में सभी अतिथियों को शॉल उड़ाकर तथा प्रतीक चिन्ह के रूप में हर्षित कुमार द्वारा बनाई गई पोर्ट्रेट भेट किया गया । नेशनल कॉन्फ्रेंस में 150 से ज्यादा शोधार्थी उपस्थित रहे कल 41 शोधार्थी तथा पर्यावरण संस्थान के डॉ केएस कनवाल तथा डॉ आशीष पांडे व्याख्यान देंगे । कॉन्फ्रेंस में डॉ आरसी जोशी ,डॉ एस एस बरगली ,प्रोफेसर संजय घिल्डियाल , डॉ आशीष तिवारी ,डॉ सुषमा टम्टा ,डॉ नीलू , डॉ प्रभा ,डॉ नवीन पांडे ,डॉ हर्ष ,डॉ नीलम मनुला ,डॉ निर्मला डॉ स्नेहलता, डॉ नीलम , डॉ चंद्रकांता ,डॉ हेमलता सहित दिशा ,हिमानी ,वसुंधरा , आनंद , विशाल सपना ,आदि उपस्थित रहे ।
