निदेशक प्रो.ललित तिवारी ने पीएचडी के शोधार्थियों को शोध एवम् बौद्धिक सम्पदा अधिकार विषय पर दिया व्याख्यान
प्रो.ललित तिवारी निदेशक, शोध एवम् प्रसार निदेशालय ,कुमाऊं विश्विद्यालय नैनीताल द्वारा आज प्री पीएचडी के शोधार्थियों को कंप्यूटर ,शोध एवम् बौद्धिक सम्पदा अधिकार विषय पर व्याख्यान दिया गया। प्रो.तिवारी ने कहा कि शोधार्थियों को अनुशासित रहकर चरणबद्ध तरीके से अपना शोध कार्य पूरा करना चाहिए,बिना कंप्यूटर के शोध वर्तमान दौर में संभव नहीं है,उन्होंने कंप्यूटर की पांच जनरेशन पर प्रकाश डाला एवम् बताया कि कंप्यूटर शोध में मददगार है तथा शोध प्रक्रिया को सरल बनाता है। उन्होनें शोध में प्लेग्रिज्म के महत्व को भी समझाया।प्रो.तिवारी ने कहा कि मानव मस्तिष्क रचनात्मकता का जननी है ,और रचनत्मकता के अधिकार सुरक्षित होने चाहिए,इस प्रक्रिया में उन्होनें बताया कि पेटेंट 20वर्षों के लिए,ट्रेडमार्क ,ज्योग्राफिकल , इंड्क्शन तक 10वर्षों तक मान्य होते हैं। उन्होनें कहा कि बौद्धिक सम्पदा अधिकार व्यवसाय को सुरक्षित तथा खोजकर्ता के अधिकार सुनिश्चित करते है जो ट्रिप नियमों के अनुकूल हैं। उन्होंने कहा कि शोधार्थियों को रचनात्मक शोध करना चाहिए तथा अपनी पूर्ण ऊर्जा का प्रयोग करें।व्याख्यान मे विज्ञान वर्ग के शोधार्थी उपस्थित रहें।