पहले इंडिया टॉय फेयर 2021 India toys fair 2021 में बच्चों, शिक्षकों,अभिभावकों के द्वारा बढ़ चढ़कर लिया हिस्सा
पहले इंडिया टॉय फेयर 2021 India toys fair 2021में बच्चों, शिक्षकों , अभिभावकों के द्वारा बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया जा रहा है। देश का पहला खिलौना मेला ऑनलाइन मोड पर 27, 28 फरवरी तथा 1 और 2 मार्च को आयोजित किया जा रहा है । आज के उद्घाटन सत्र में देश के प्रधानमंत्री मोदी जी के द्वारा देश के खिलौना निर्माताओं , कलाकारों के साथ पारस्परिक संवाद किया गया। जिसमें उनके द्वारा बच्चों की अभिरुचि को ध्यान में रखते हुए खिलौने बनाने की अपील की गई। कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए बच्चों के मनोभावों पर खरा उतरने वाले खिलौनों को बनाने की भी अपील उनके द्वारा की गई।
रविंद्र नाथ टैगोर के वक्तव्य को प्रधानमंत्री के द्वारा यह कहते हुए कहा गया कि , ‘एक खिलौना बच्चों को खुशियों की अनंत दुनिया में ले जाता है।’
समस्याओं को सुलझाने एवं रणनीति बनाने में खिलौनों की अहम भूमिका है । बच्चे खेल-खेल में यह सब सीख जाते हैं । बच्चों को यदि जानवरों के खिलौने पकड़ा दिए जाएं तो वे पूरे जंगल का चित्र उतार देते हैं, तरह-तरह के जानवरों की आवाज निकालने लगते हैं । किचन से जुड़े खिलौनों को देने पर वे पूरे किचन का नक्शा तैयार कर देते हैं । डॉक्टर के उपकरण से पूरे परिवार की जांच करने बैठ जाते हैं । एक बॉल से पूरे घर को खेल का मैदान में तब्दील कर देते हैं । रॉकेट से स्पेस मिशन पर निकल पड़ते हैं । बच्चों के सपनों के उड़ान का कोई अंत नहीं।
प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा माता-पिता से अपील की गई कि, वे बच्चों के साथ पढ़ाई की तरह उनके खेलों में भी शामिल हों।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी खेल और गतिविधि आधारित शिक्षा व्यवस्था को शामिल किया गया है, जिससे बच्चों की तार्किक और रचनात्मक सोच का विकास हो। हमारे देश के पास पारंपरिक और तकनीकी दोनों तरह का ज्ञान उपलब्ध है। इससे खिलौनों के व्यवसाय को कहीं आगे ले जाया जा सकता है। भारत के मूलभूत मूल्यों को दुनिया तक ले जाने का एक सशक्त माध्यम खिलौना व्यवसाय हो सकते हैं।
मेड इन इंडिया से लेकर हैंड मेड इन इंडिया की मांग बढ़ रही है। जब हम एक खिलौना बनाते हैं तो हम एक बाल मन को गढ़ते हैं, उनके सपनों को गढ़ते हैं।
पहले भारत खिलौना मेला में माता पिता के साथ बच्चों के द्वारा भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया जा रहा है। हल्द्वानी शहर के कुसुम खेड़ा निवासी प्रणव कांडपाल के द्वारा अपने पिता शिक्षक गौरीशंकर कांडपाल के साथ मिलकर ऑनलाइन मोड पर आयोजित पहले भारत खिलौना मेला में प्रतिभाग कर रहे हैं । उनके द्वारा बताया गया कि, बच्चे खिलौनों की अपनी ही दुनिया तैयार कर लेते हैं, जिसके इर्द-गिर्द का संसार उन्हें भविष्य की रचनात्मकता की ओर ले जाने में काफी मददगार साबित होता है। प्रणव के द्वारा प्लास्टिक के ब्लॉक्स से विभिन्न तरह की आकृति भी तैयार की जाती रही हैं। जंगल की जानवरों के साथ वह अपनी ही कहानी बना लेते हैं। सेंट टेरेसा सीनियर सेकेंडरी स्कूल काठगोदाम में पढ़ने वाले प्रणव काण्डपाल के द्वारा लॉक डाउन की अवधि में विभिन्न प्रकार के गतिविधियों को अंजाम दिया जाता रहा है जिसमें खिलौनों की दुनिया की अहम भूमिका है।
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