मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र अपने-अपने विश्वविद्यालयों के लिए एक अमूल्य संपत्ति

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कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल में आयोजित दो दिवसीय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग-मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र यूजीसी-एमएमटीटीसी के उत्तरी क्षेत्रीय कार्यशाला का आज सफलतापूर्वक समापन हुआ। इस कार्यशाला में देशभर के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और प्रशासकों ने भाग लिया और शिक्षण पद्धतियों, अकादमिक नेतृत्व और राष्ट्रीय शिक्षा नीति एनईपी-2020 के प्रभावी क्रियान्वयन पर विचार-विमर्श किया।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव प्रोफेसर मनीष आर जोशी ने कार्यशाला के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह एक प्रभावी मंच साबित हुआ है जहां शैक्षिक विमर्श और सहयोगात्मक शिक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया। उन्होंने कहा कि मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र उच्च शिक्षा में गुणवत्ता और शैक्षिक नेतृत्व को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षण पद्धति, संस्थागत चुनौतियों, वित्तीय प्रबंधन और तकनीकी नवाचारों पर गहन चर्चा की गई। प्रोफेसर जोशी ने यह भी आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग इन केंद्रों को सशक्त बनाने और उन्हें और अधिक प्रभावी बनाने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगा।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के संयुक्त सचिव डॉ. जितेंद्र कुमार त्रिपाठी ने मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्रों के निदेशकों और शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की। उन्होंने नीतिगत स्तर पर समाधान सुनिश्चित करने और केंद्रों की कार्यकुशलता बढ़ाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। डॉ. त्रिपाठी ने इस बात पर जोर दिया कि मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र विश्वविद्यालयों के लिए एक अमूल्य संपत्ति हैं, जो शिक्षकों के प्रशिक्षण और शैक्षिक उत्कृष्टता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

कार्यशाला में आज डॉ. मीनाक्षी रावत भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की ने कार्यक्रम की वर्तमान स्थिति और वित्तीय प्रबंधन पर प्रस्तुति दी। उन्होंने शिक्षकों में शैक्षिक नेतृत्व के गुणों को विकसित करने और अनुभवात्मक शिक्षण, क्षेत्रीय भ्रमण और परिसर अवगाहन कार्यक्रमों जैसी पद्धतियों के महत्व को रेखांकित किया। इसके अलावा उन्होंने कार्यक्रम के प्रसार, प्रतिक्रिया प्रणाली और संस्थागत चुनौतियों पर भी चर्चा की।

इसके बाद प्रोफेसर अतीक शेख भारतीय प्रबंधन संस्थान जम्मू ने सत्र में शिक्षकों के नेतृत्व कौशल, संघर्ष समाधान और राष्ट्रीय शिक्षा नीति एनईपी-2020 के अनुरूप शिक्षण कार्य में नवाचारों पर चर्चा की। उन्होंने संवादात्मक सत्रों, अध्ययन विषयों, क्षेत्र-आधारित शिक्षण और सहभागिता आधारित गतिविधियों के माध्यम से शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के तरीकों को प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम की पहुँच बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत पत्राचार अभियान, सामाजिक माध्यम प्रचार, संस्थागत सहयोग और समाचार प्रचार जैसे तरीकों को अपनाया गया है।

डॉ. आर सुजाता वाधवानी फाउंडेशन ने उच्च शिक्षा में उद्यमिता विकास विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने भारतीय नवाचार तंत्र के बारे में बताते हुए उच्च शिक्षा में समस्या समाधान कौशल और नवाचार को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।

प्रोफेसर भीमराया मेत्री निदेशक भारतीय प्रबंधन संस्थान नागपुर ने शिक्षण संस्थानों में नेतृत्व की विविध भूमिकाओं पर व्याख्यान दिया। उन्होंने संस्थानों में योग्य लोगों को सही स्थान पर उचित तरीके से शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया और स्वामी विवेकानंद के उद्धरण के माध्यम से निरंतर शिक्षा और आत्म-विकास के महत्व को रेखांकित किया।

इसके बाद प्रोफेसर आनंद वर्धन शर्मा निदेशक बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने वित्तीय और प्रशासनिक आकलन प्रस्तुत किया और संरचनात्मक और संसाधन संबंधी चुनौतियों को रेखांकित किया।

डॉ. शिवानी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड़ ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता-आधारित तकनीकों का उपयोग करते हुए ऑनलाइन कार्यक्रमों के संचालन में नवाचारों पर चर्चा की। उन्होंने संवादात्मक माध्यम के उपयोग से तेजी से अंतराल मतदान प्रणाली के माध्यम से प्रतिभागियों की सहभागिता को मापने जैसे अभिनव समाधान प्रस्तुत किए।

अंत में डॉ. दिव्या उपाध्याय जोशी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और कार्यशाला के समापन की घोषणा की।

इस कार्यशाला का संचालन डॉ. रीतेश साह द्वारा किया गया। कार्यशाला में देशभर के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों ने भाग लिया जिनमें प्रोफेसर गीता सिंह दिल्ली, प्रोफेसर शेफाली नागपाल सोनीपत, प्रोफेसर फैजा अब्बासी अलीगढ़, प्रोफेसर जयंती दत्ता चंडीगढ़, प्रोफेसर नज़ीर अहमद कश्मीर, प्रोफेसर संदीप पंडिता जम्मू, प्रोफेसर देशराज ठाकुर, प्रोफेसर मोना खरे, प्रोफेसर नीपा, प्रोफेसर अमिता इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय सहित शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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