नैनीताल में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ने से बना चिंता का विषय
उत्तराखण्ड की नैनी झील कहे जाने वाली सरोवर नगरी नैनीताल में जिस तरह से आवारा कुत्तों का आतंक प्रत्येक दिन तेजी से बढ़ता चला जा रहा है वह हकीकत में चिंता का
विषय है। गत चार वर्षो के आकंडों पर गौर फरमाये तो आवारा कुत्तों ने लगभग 5556 लोगों को अपना शिकार बनाया जबकि इन चार वर्षो में नगर पालिका परिषद प्रशासन ने मात्र 1575 अनुमानित कुत्तों का ही बधियाकरण किया। जिस गति से आवारा कुत्ते लोगों को अपना शिकार बनाते चले आ रहे हैं नगर पालिका उस गति से कुत्तों का बधियाकरण नहीं कर पा रही है जिसकी वजह से हर दिन आवारा कुत्ते लोगों को काटते ही जा रहे हैं। कुत्तों के कटाने के मामले में पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी ने कहा है कि वास्तव में आवारा कुत्तों का आतंक नगर में जरुर है लेकिन पालिका प्रशासन इन आवारा कुत्तों को मार नहीं सकती है। उन्होंने कहा कि पालिका प्रशासन के पास बधियाकरण ही एकमात्र विकल्प है जिससे कुत्तों के बढ़ते
आतंक को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि बधियाकरण करने के बाद से कुत्तों के काटने में कुछ कमी जरुर आई है।
उन्होंने कहा कि जहां वर्ष 2019 में 1505 लोगों को कुत्तों ने काटा था जबकि वर्ष 2020 में यह संख्या घटकर 1346 पहुंच गयी। उन्होंने कहा कि पालिका प्रशासन बधियाकरण की
कार्रवाई के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी नैनीताल शहर में अत्याधिक कुत्तों का बधियाकरण किया जा चुका होगा।