बहुत महत्वपूर्ण होती है सोमवती अमावस्या
बहुत महत्वपूर्ण होती है सोमवती अमावस्या।,,,,,,,,,,, सोमवती अमावस्या का अर्थ है जिस अमावस्या के दिन सोमवार हो उसे सोमवती अमावस्या कहते हैं। ऐसा संयोग बहुत कम आता है। वर्ष में एक या दो बार ऐसी स्थिति बनती है। इसलिए यह अमावस्या और अधिक महत्वपूर्ण होती है। इस अमावस्या में जप साधना आदि बहुत प्रभावी होते हैं। इसके अतिरिक्त यंत्र ताबीज आदि बनवाने से यह अन्य दिनों की अपेक्षा सोमवती अमावस्या के दिन बनवाना अधिक प्रभावी होता है। इस वर्ष 2021 में आज यानी सोमवार दिनांक 6 सितंबर को ऐसा संयोग बना है। वैसे अमावस्या पितरों का दिन माना जाता है। इस दिन पित्र गणों का तर्पण करना चाहिए। घर को गाय के गोबर अथवा गोमूत्र से पूर्णतया शुद्ध करके पूर्ण शुद्धि से बने भोजन का भोग पितरों को लगाना चाहिए। इससे पित्र गण तृप्त होते हैं। और आशीर्वाद देते हैं। जिससे जीवन के सभी संकट दूर होते हैं। और घर में सुख शांति बनी रहती है। इस दिन भूखे जीवो को भोजन कराने का भी बहुत महत्व है। कम से कम एक भिखारी को दान अवश्य करना चाहिए। गाय को गौ ग्रास देना चाहिए। या चींटियों को शक्कर खिलाने चाहिए। सोमवती अमावस्या पर निकट के किसी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल एवं बेलपत्र चढ़ाने चाहिए। इससे कालसर्प दोष का असर भी खत्म हो जाता है। इसके अतिरिक्त पाठकों को एक सबसे महत्वपूर्ण बात बताना चाहूंगा कि जो व्यक्ति यह सब नहीं कर सकते हैं वह सोमवती अमावस्या के दिन घर के मंदिर में या ईशान कोण यानी पूर्व उत्तर दिशा के बीच गाय के घी का दीपक जलाएं ध्यान रहे दिए की बत्ती रुई की न होकर लाल रंग के धागे की हो और केसर युक्त हो। इससे मां लक्ष्मी तुरंत ही प्रसन्न होती है। सोमवती अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी की परिक्रमा करें। और सूर्य नारायण को जल देने से भी दरिद्रता दूर होती है। पुराणों में ऐसा माना गया है की पीपल के मूल में भगवान विष्णु तने में शिवजी तथा अग्रभाग में ब्रह्मा जी का वास होता है। इसलिए इस दिन पीपल के पूजन से सौभाग्य की वृद्धि होती है। इसके अतिरिक्त पर्यावरण को भी सम्मान देने के लिए भी सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करने का विधान माना गया है। इसके साथ ही इस दिन माता पार्वती माता लक्ष्मी की पूजा करना भी शुभ होता है। अब यदि बात करें अमावस्या तिथि और मुहूर्त की तो आज दिनांक 6 सितंबर 2021 दिन सोमवार को अमावस्या तिथि प्रारंभ होगी चार घड़ी 15 पल के बाद नक्षत्र की बात करें तो आज मघा नक्षत्र 29 घड़ी 39 पल तक रहेगा। सिद्धि योग दो घड़ी 57 पल से 24 घड़ी 12 पल तक रहेगा। लेखक श्री पंडित प्रकाश जोशी गेठिया नैनीताल (उत्तराखंड)