हिंदू धर्म के अनुयायियों को हिंदू परंपरा के अनुसार मनाना चाहिए जन्मदिन न कि पाश्चात्य परंपरा से
हिंदू धर्म के अनुयायियों को हिंदू परंपरा के अनुसार मनाना चाहिए जन्मदिन न कि पाश्चात्य परंपरा से।,,,,,,,, हिंदू परंपरा के अनुसार मनाएं जन्म दिवस पाश्चात्य परंपरा हमारे सनातन धर्म के विपरीत है । हिंदू धर्म के अनुसार कैंडल अर्थात मोमबत्ती यह भी दीप माना जाता है। दीपक बुझा ना हिंदू धर्म में अपशकुन माना जाता है। यहां तो दीप जलाए जाते हैं दीपदान किया जाता है। मेरा सभी हिंदू भाई बहनों से विनम्र निवेदन है कि अपने बच्चों का जन्म उत्सव हर्षोल्लास के साथ हिंदू परंपरा के अनुसार करें। और अन्य लोगों को भी प्रेरित करें। इस कार्य की शुरुआत या श्री गणेश अपने घर से करें। तब अन्य लोग भी स्वयं प्रेरित होंगे। सर्वप्रथम तो आप जन्म की अंग्रेजी तारीख के हिसाब से जन्मदिन मनाने के बजाय हिंदू पंचांग की तिथि मास के अनुसार जन्मोत्सव मनाएं। हमारे हिंदू धर्म में जन्मदिवस पर मारकंडे पूजा का विधान है। सर्वप्रथम षोडशोपचार गणेश पूजन करें। बच्चे को हल्दी फिर स्नान के बाद पूजा स्थल पर बिठाए। गणेश पूजन नवग्रह पूजन पंचतत्व पूजन के उपरांत मारकंडे पूजा किसी सुयोग्य ब्राह्मण देव से करवाएं। इस पूजा में पंचतत्व पूजा एवं दीपदान का सर्वाधिक महत्व है। दीपदान में प्रतिवर्ष एक दिया बढ़ाया जाता है। माना किसी जातक का आठवां जन्म दिवस है तो उस जन्मदिन पर एक पात्र में आठ दीपक प्रज्वलित करने चाहिए। प्रतिवर्ष इनकी संख्या एक बढ़ाई जाती है। इसी प्रकार जातक की कुंडली में एक रक्षा सूत्र बांधकर प्रतिवर्ष उसमें एक गांठ लगाई जाती है। बच्चे को उसके माता पिता के द्वारा दूध के साथ तिल के लड्डू खिलाए जाते हैं नकी केक। मेरा हिंदू भाइयों एवं बहनों से एक बार पुनः निवेदन है कि आप चाहे अंग्रेजी तारीख के हिसाब से जन्मदिन मनाएं परंतु अपनी हिंदू परंपरा को भी न भूलें। संभव हो सके तो हिंदू तिथि मास के अनुसार ही जन्म दिवस मनाए। केक के बजाय तिल के लड्डू मंगाए। कैंडल के बजाए दिए मंगवाए। अन्य लोगों को भी ऐसा ही करने को प्रेरित करें। ध्यान रहे शुरुआत या श्री गणेश अपने घर से ही करें अन्य लोग आपको देखकर स्वयं प्रेरित हो जाएंगे। वैदिक भाषा में उन्हें बधाई दें।
प्रार्थयामहे भव शतायू: ईश्वर: सदा त्वाम च रक्षतु पुण्य कर्मणा कीर्तिमार्जय जीवनम तव भवतु सार्थकम्! जन्म दिवसस्य शुभाशया ।। अर्थात हम 100 शरद ऋतु देखें यानी 100 वर्षों तक जीवित रहे। 100 वर्षों तक हमारी बुद्धि सक्षम रहे। हम ज्ञानवान बने रहें। हमारी उन्नति होते रहे। 100 वर्षों तक हम पुष्टि प्राप्त करते रहें। हमें पोषण मिलता रहे। हम 100 वर्षों तक बने रहे।दीर्घायु रारोग्यमस्तु सुयश: भवतु विजय: भवतु जन्म दिने शुभेच्छा! अर्थात आप दीर्घायु और आरोग्य हो और जीवन में हमेशा ही यश प्राप्त करें। जन्मदिवस पर यही शुभकामना है कि आपको हर कदम पर जीत मिले।
अश्वत्थामा बलिव्यासो हनुमान्श्च विभिषण: ।
कृप परशुरामश्च सप्तैते चिरंजीविन: ।।
सप्तैतान संस्मरेनित्यं मार्कण्डेय भथाष्टमम् ।
जीवे दृषंशतं सोपि सर्वव्याधि विवर्जितम ।।
अर्थात अश्वत्थामा बली व्यास हनुमान विभीषण कृपाचार्य परशुराम यह सात चिरंजीवी हैं। इन सातों के साथ आठवें मारकंडे जी का स्मरण नित्य करने से व्यक्ति के सभी रोग नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति 100 वर्षों तक जीता है।