रिसर्कुलेटिंग एक्वाकल्चर आरएएस तकनीकी पर डीसीएफआर मे किया गया तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम
रिसर्कुलेटिंग एक्वाकल्चर आर ए एस तकनीकी पर डीसीएफआर मे प्रशिक्षण कार्यक्रम। भीमताल पुनर जल परिसंचरण प्रणाली रिसर्कुलेटिंग एक्वाकल्चर सिस्टम व आर एएस तकनीकी विषय पर शीतजल म त्सयकी अनुसंधान निदेशालय भीमताल द्वारा तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें जम्मू-कश्मीर मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी व आंध्र प्रदेश के उद्यमियों सहित कुल 21 लोग शामिल हुए कार्यक्रम के उद्घाटन में संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर देबाजीत शर्मा ने बताया कि आर ए एस. तकनीक द्वारा उन्नत वैज्ञानिक विधि से मछली पालन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि मछली पालकों की आमदनी बढ़ सके प्रधान वैज्ञानिक डॉ अमित पांडे ने प्रशिक्षणार्थियों से आर ए एस तकनीकी को अपनाकर अधिक अधिकतम लाभ कमाने के लिए प्रेरित किया हैं प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक राजेश एम ने बताया कि आर ए एस. तकनीक द्वारा कम जगह एवं पानी में अधिक मछली उत्पादन किसान और उद्यमी मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं आर ए एस तकनीकी के माध्यम से मछली को कम पानी में 100 से 1000 लीटर प्रति किलो मछली और कम भूमि के साथ उच्च घनत्वमें पाला जा सकता है निदेशालय द्वारा लद्दाख जैसे कठिन स्थानों में भी आर ए एस तकनीकी सफलतापूर्वक प्रयोग में लाई जा रही है इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के दौरान आर एस तकनीकी के राष्ट्रीय व वैश्विक परिदृश्य जल गुणवत्ता आकलन का महत्व आर ए एस तकनीकी में मानक संचालन प्रक्रिया है और जोखिम प्रबंधन उत्तम चारा रोग नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण विषयों के बारे में वरिष्ठ वैज्ञानिकों के व्याख्यान एवं व्यवहारिक प्रदर्शन द्वारा प्रशिक्षण प्रशिक्षणार्थी को महत्वपूर्ण जानकारी दी गई प्रशिक्षण में शामिल सभी को प्रमाण पत्र भी बांटे गए वैज्ञानिकों और उद्यमियों ने इस प्रशिक्षण प्रोग्राम को बेहद सफल और जानकारी देने वाला बताया जिसका लाभ उन्हें व उद्यमियों को मिल पाएगा कार्यक्रम में समन्वयक डॉ राजेश एम डॉक्टर बीजू सेन कमलम डॉक्टर रेनू जेठी वह डॉक्टर प्रकाश वर्मा उपस्थित थे