युवा सीडीओ की इस सकारात्मक पहल का स्थानीय काश्तकारों ने किया स्वागत, जानिए क्या है यह सफलता की कहानी ?

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बज्यूठिया ( रामगढ़) में फसल सुरक्षा के कार्य
नैनीताल जिले के रामगढ़ में बज्यूठिया ग्राम का तीन चैथाई भौगौलिक क्षेत्र जंगल से घिरा है। यहाँ के किसान कृषि पर निर्भर है, विगत कई वर्षों से क्षेत्र में सूअर, साही एवं अन्य जंगली पशुओं की वजह से फसलों को काफी नुकसान हो रहा था, जिससे कृषकों की फसल नष्ट हो जाती थी एवं उन्हें खेतों से अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा था जिससे किसानों ने खेती से अपना रूझान धीरे-धीरे कम कर लिया था एवं नुकसान की वजह से यहाँ से किसान मजदूरी करने के लिए विवश हो रहे थे।
जानकारी देते हुए युवा मुख्य विकास अधिकारी डा0 संदीप तिवारी ने बताया कि ग्राम पंचायत बज्यूठिया विकासखण्ड मुख्यालय रामगढ़ से 13 किमी0 की दूरी पर है। रोड हैड से लगभग 1500 मी0 पैदल मार्ग है। ग्राम पंचायत की लगभग 22.2 है0 कृषि योग्य भूमि को जंगली पशुओं से नुकसान हो रहा था जिसमें सुरक्षा हेतु परियोजना के उद्देश्य से ग्रामवासियों को अवगत कराते हुए परियोजना का चयन किया जिसमें ग्रामवासियों द्वारा सहमति प्रदान की गयी। मुख्य चुनौती रोड हैड से परियोजना स्थल तक सामग्री की आपूर्ति कराना एवं कार्य को पूर्ण कराना था। जिससे किसानों के होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।
डा0 तिवारी बताते हैं कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 में परियोजना बज्यूठिया का चयन फसल सुरक्षा हेतु घेरवाड़ हेतु किया गया एवं सम्बन्धित परियोजना प्रभारी के माध्यम से कार्य को पूर्ण कराया गया।
उन्होने बताया कि घेरवाड़ निर्माण होने के उपरान्त ग्रामवासियों ने अपनी फसल चक्र में परिवर्तन कर नगदी फसलो बोना शुरू कर दिया। अब वह सब्जी (मुख्यतः मटर, टमाटर, फूलगोभी, फासबीन, शिमला मिर्च) का उत्पादन कर अपनी आय में निरन्तर वृद्धि कर रहे है एवं उनका उत्पाद स्थानीय बाजार जैसे गरमपानी, भवाली एवं हल्द्वानी मण्डी तक भेजा जाता है जिससे उनके उत्पाद का उन्हें अच्छा दाम मिल जाता है।
ग्रामवासियों के द्वारा सुरक्षा हेतु घेरबाड़ से योजना को कारगार बताया गया है एवं जंगली पशुओं से नुकसान न होने की वजह से उनके उत्पादन में निरन्तर वृद्धि हो रही है। युवा सीडीओ की इस सकारात्मक पहल का स्थानीय काश्तकारों ने स्वागत किया हैं। इससे उनके आत्मविश्वास में भी वृद्धि हुई हैं।

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