अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 2021 का क्या है महत्त्व
नैनीताल के रामनगर स्थित कार्बेट पार्क में देश-विदेश से आने वाले पर्यटक यंहा एक बार जरूर आते है जिससे उनको विभिन्न प्रकार के जानवरों के अपने आंखों के सामने से देखने का मौका मिलता है। अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 2021 दुनिया भर में बाघों के सामने आने वाले खतरों और समस्याओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस या विश्व बाघ दिवस मनाया जाता है। पहला अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 2010 में मनाया गया था। बाघ संरक्षण के मामले पर ध्यान देना आवश्यक होने के साथ-साथ महत्वपूर्ण भी है क्योंकि यह एक संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा और उसे बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पहली बार वर्ष 2010 में रूस में सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर समिट में मनाया गया था। लगभग तेरह टाइगर रेंज देशों ने एक साथ आकर वर्ष 2022 के अंत तक जंगली बाघों की संख्या को दोगुना करने का निर्णय लिया। वर्तमान में उत्तराखंड के कार्बेट में तकरीबन 300 से अधिक बाघ हो चुके हैं। वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर के अनुसार, 20वीं सदी के प्रारंभ में लगभग 100,000 बाघ रहे होंगे। वर्ष 2010 में यह संख्या काफी कम होकर करीब 3,100 रह गई थी। इसलिए, जंगली बिल्लियों को बचाना बेहद जरूरी हो जाता है।