खास खबर-फसलों के साथ-साथ मिट्टी एवं इंसानों पर उपयोग करने के लिए भी है सुरक्षित,आइये जानते हैं क्या है वो चीज़
राज पेट्रो स्पेशलिटीज प्राइवेट लिमिटेड ने खेती में इस्तेमाल होने वाले स्प्रे ऑयल के लिए राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम प्रमाणन प्राप्त किया
उत्तराखंड स्टेट ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन एजेंसी (युएसओसीए) ने कंपनी को यह प्रतिष्ठित प्रमाणन प्रदान किया है
देहरादूनः 4 अप्रैल, 2022 – ब्रेनटैग ग्रुप की कंपनी, राज पेट्रो स्पेशलिटीज प्राइवेट लिमिटेड ने खेती में इस्तेमाल होने वाले स्प्रे ऑयल के लिए राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम प्रमाणन प्राप्त किया है। उत्तराखंड स्टेट ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन एजेंसी (युएसओसीए) ने कंपनी को यह प्रतिष्ठित प्रमाणन प्रदान किया है, जो राज्य की ओर से जैविक खाद्य-पदार्थों को प्रमाणित करने वाला संगठन है।
कंपनी के तीन उत्पादों को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी गई है, जिसमें कायरोस एग्रीस्प्रे ई-3 ऑयल, कायरोस ड्यूराटेक एग्रीस्प्रे ऑयल तथा कायरोस केलियोल एग्रीस्प्रे ऑयल शामिल हैं। कृषि, बागवानी और फूलों की खेती में फसल की देखभाल के लिए कायरोस एग्रीस्प्रे ई-3 ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है। ड्यूराटेक एग्रीस्प्रे ऑयल को खासतौर पर सेब की फसल को रेड माइट्स और सैन्जोस स्केल से बचाने के लिए तैयार किया गया है। इसके अलावा, केले की फसल को सुरक्षा प्रदान करने के लिए केलियोल एग्रीस्प्रे ऑयल तैयार किया गया है, जिसे उपयुक्त फंगीसाइड (कवकनाशी) के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने से लीफ स्पॉट रोगों की असरदार तरीके से रोकथाम की जा सकती है।
राज पेट्रो स्पेशियलिटीज प्राइवेट लिमिटेड दुनिया की उन गिनी-चुनी कंपनियों में शामिल है, जिन्हें खेती में इस्तेमाल होने वाले स्प्रे ऑयल के लिए यह प्रमाणन मिला है। कंपनी पर्यावरण की रक्षा करने तथा किसानों के लिए खेती को अधिक लाभदायक बनाने के उद्देश्य के साथ अपना काम कर रही है। अपने इसी दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए, कंपनी ने सिक्किम में बड़े पैमाने पर एग्रीस्प्रे ऑयल की आपूर्ति के लिए अपने उत्पादों के दायरे को बढ़ाने की योजना बनाई है, क्योंकि यह दुनिया में जैविक खेती करने वाला पहला राज्य है जहाँ प्रमाणिक तौर पर पूरी तरह से जैविक खेती की जाती है। सिक्किम ने संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) का बेहद प्रतिष्ठित फ्यूचर पॉलिसी गोल्ड अवार्ड जीता है, जिसमें पूरी दुनिया से 51 नामांकन प्राप्त हुए थे।
एनपीओपी प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए, श्री मेहुल नानावती, मैनेजिंग डायरेक्टर, राज पेट्रो स्पेशलिटीज प्राइवेट लिमिटेड, ने कहा, “अपने उत्पादों के लिए यह प्रमाणन प्राप्त करना हमारे लिए बड़े सौभाग्य की बात है। राज पेट्रो में एग्री-स्प्रे उत्पादों को काफी सोच-समझकर तैयार किया जाता है और पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव का पूरा ध्यान रखा जाता है। हमारे ये उत्पाद पर्यावरण और उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाने वाले बेहद कठोर रसायनों और कीटनाशकों का बेहतर विकल्प हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), तमिलनाडु के राष्ट्रीय केला अनुसंधान केंद्र (एनआरसीबी) द्वारा केलियोल एग्रीस्प्रे ऑयल का परीक्षण और अनुमोदन किया गया है। शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, श्रीनगर तथा डॉ. वाई.एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सोलन द्वारा ड्यूराटेक स्प्रे ऑयल का परीक्षण और अनुमोदन किया गया है। “उन्होंने आगे कहा, “मौजूदा हालातों ने राज पेट्रो स्पेशलिटीज प्राइवेट लिमिटेड को बिल्कुल नए तथा पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों के निर्माण का काम जारी रखने के लिए प्रेरित किया है, क्योंकि ऐसे उत्पाद ही जैविक खेती में पारंपरिक कीटनाशकों के विकल्प हैं।“
डॉ. मधुकर वी. पोतदार, वरिष्ठ सलाहकार- कृषि व्यवसाय, राज पेट्रो स्पेशलिटीज प्राइवेट लिमिटेड, ने कहा, “एग्रीस्प्रे ऑयल हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए एक हरित समाधान है, जो बेहद किफायती, भरोसेमंद तथा पर्यावरण के अनुकूल है। युएसओसीए (उत्तराखंड स्टेट ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन एजेंसी) के प्रमाणन की वजह से हम खेती के लिए सर्वोत्तम एवं टिकाऊ समाधान प्रदान करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ गए हैं। यह फसलों के साथ-साथ मिट्टी एवं इंसानों पर उपयोग करने के लिए भी सुरक्षित है।
पिछले दो दशकों में जैविक खाद्य-पदार्थों की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। भारत में जैविक उत्पाद निर्माताओं के अनुसार, देश विदेश के बाजारों में जैविक खेती वाले उत्पादों की मांग लगातार बढ़ी है। ग्राहक कई वजह से जैविक खाद्य-पदार्थों को अधिक पसंद कर रहे हैं, जिनमें खाने-पीने की चीजों में कीटनाशकों का सेवन कम करना, सेहत को होने वाले फायदे तथा पर्यावरण एवं पशुओं की भलाई से जुड़ी चिंताएँ शामिल हैं।