जनपद में 919 निराश्रित एवं 422 पशु विभिन्न गौशाला में है आश्रित

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   जिलाधिकारी नवनीत पांडेय की अध्यक्षता में निराश्रित गौवंश हेतु गौशाला की स्थापना एवं संचालन के सम्बन्ध में बैठक का आयोजन जिला सभागार चम्पावत में किया गया।

बैठक में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ डीके चंद द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद में 919 निराश्रित एवं 422 पशु विभिन्न गौशाला में आश्रित है। जिसमें विकासखण्ड पाटी की गर्ग ऋषि गौ सेवा समिति ग्राम किमाड़ से आए प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि ग्राम किमाड़ की गौशाला में 146 निराश्रित पशु है तथा 80 निराश्रित पशुओं को रखे जाने की अतिरिक्त क्षमता हैं गौशाला में हैं।
नित्य आश्रम गौ सेवा समिति कालाझाला टनकपुर व मां कामधेनु वात्सल्य सेवा धाम ट्रस्ट धौलीसीलिंग लोहाघाट द्वारा बताया कि उनकी गौशाला में 100-100 अतिरिक्त निराश्रित जानवरों को रखे जाने की क्षमता उपलब्ध है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बैठक में अवगत कराया की जनपद में निराश्रित पशु हेतु गौशाला निर्माण के लिए दो जगह भूमि का चिन्हिकरण किया गया है।जिसमें देवीधार लोहाघाट एवं ग्राम डूंगरासेठी में गोचर के रूप में दर्ज भूमि को गौशाला निर्माण हेतु शहरी विकास विभाग को हस्तांतरित किए जाने की कार्यवाही गतिमान है। जिलाधिकारी द्वारा अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत को विकासखंड पाटी में कार्यरत तीनों गौशालाओं की डीपीआर तैयार कर 15 सितंबर तक बैठक में प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए गए। साथ ही जिलाधिकारी ने जनपद में निराश्रित गौवंश से आम जन व किसानों को नुकसान न हो इसके लिए उत्तराखण्ड गोवंश सरंक्षण अधिनियम, 2007 को और अधिक प्रभावी रूप से लागू करने के निर्देश सम्बन्धितों को दिए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आर एस रावत,अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत भगवत पाटनी, उप मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डा नन्दन प्रसाद, पशुचिकित्सा अधिकारी डा० टी० पी० यादव, डा० राहुल सती, डा० कोमल सिंह, मॉ कामधेनु वात्सल्य सेवाधाम ट्रस्ट धौलिसिलिंग से शंकर दत्त पाण्डे, कोषाध्यक्ष नित्य आश्रम गौसेवा समिति कालाझाला टनकपुर से अमित कुमार गडकोटी, गर्ग ऋषि गौसेवा समिति ग्राम किमाड़ से ओम प्रकाश जोशी, अध्यक्ष माँ पूर्णागिरी गौ सेवाधाम समिति गरसाडी से भुवन चन्द्र गहतोडी उपस्थित रहे।

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