उत्तराखंड हाईकोर्ट की पांच बड़ी खबरों को जानने नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें
नैनीताल । उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य में विधान सभा चुनाव स्थगित किये जाने अथवा चुनाव रैलियां वर्चुवल माध्यम से कराए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया कर जबाव दाखिल करने को कहा है । मामले की अगली सुनवाई 3 जनवरी को होगी ।
मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एन एस धनिक की खंडपीठ में हुई । खंडपीठ ने केंद्र व राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता को याचिका पर निर्देश प्राप्त करने को कहा है ।
अधिवक्ता शिव भट्ट ने हाईकोर्ट में पूर्व से विचाराधीन सचिदानन्द डबराल व अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया सम्बन्धी जनहित याचिका में कोर्ट के आदेशों के विपरीत विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा कोविड नियमों के विपरीत की जा रही रैलियों की तस्वीरें संलग्न कर कहा कि इन रैलियों में कोरोना संक्रमण फैलने की पूरी संभावना है ।
अधिवक्ता शिव भट्ट ने अपने प्रार्थना पत्र में कोरोना के नए वैरिएंट का जिक्र करते हुए कहा है कि यह कोविड के किसी भी अन्य संस्करण की तुलना में 300% से अधिक तेजी से फैल रहा है और इसलिए, लोगों के जीवन की रक्षा के लिए यह आवश्यक हो गया है कि चुनावी रैलियों जैसी बड़ी सभाओं से बचा जाए।
याचिका में सभी राजनीतिक दलों को यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि वे अपनी रैलियां वर्चुअल रूप से ही करें, साथ ही अदालत से नए साल के जश्न के दौरान पार्टियों पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई है ।
2–नैनीताल । उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर प्रो0 एन के जोशी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को मामला राजभवन में विचाराधीन होने के कारण निस्तारित कर दिया है । मामले की सुनवाई की कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश सजंय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ में हुई । हाईकोर्ट के इस आदेश से प्रो0 जोशी को बड़ी राहत मिली है । मामले के अनुसार राज्य आंदोलनकारी देहरादून निवासी रविंद्र जुगरान ने इस नियुक्ति के खिलाफ याचिका दायर कर कहा है कि कुमाऊं विवि के वीसी प्रोफेसर एनके जोशी वीसी पद हेतु निर्धारित योग्यता और अर्हता पूरी नहीं रखते हैं। प्रो0जोशी ने वीसी पद के आवेदन पत्र के साथ संलग्न बायोडाटा में गलत और भ्रामक जानकारियां दर्शित की हैं। इसलिये यह नियुक्ति रद्द की जाए ।
3–नैनीताल । उत्तराखंड हाइकोर्ट ने आय से अधिक सम्पति रखने के आरोपी सहायक समाज कल्याण अधिकारी कांतिराम जोशी के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई के बाद विजिलेंस विभाग को मामले की शीघ्र जांच के निर्देश देते हुए याचिका निस्तारित कर दी है । मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश सजंय कुमार मिश्रा व न्यायमुर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ में हुई ।मामले के अनुसार देहरादून निवासी एसके सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सहायक समाज कल्याण अधिकारी कांति राम जोशी ने आय आए अधिक सम्पति अर्जित की है जिसकी जाँच कराई जाय।
4–नैनीताल । उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने नैनीताल पन्त पार्क से बिना सर्वे किये फड़ व्यवसायियों को नगर पालिका द्वारा हटाये जाने के खिलाफ नेशनल हॉकर फडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार व नगर पालिका नैनीताल से 6 फरवरी 2022 तक जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 6 फरवरी की तिथि नियत की है। मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश सजंय कुमार मिश्रा व न्यायमुर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ में हुई । आज सुनवाई के दौरान सरकार व नगर पालिका नैनीताल की तरफ से कोर्ट को अवगत कराया गया कि नैनीताल में उन्होंने स्ट्रीट बेंडरों को हाईकोर्ट के आदेश पर चिन्हित कर लिया है उनको नगर पालिका द्वारा लाइसेंस और जगह भी दी है। उसके बाद भी बिना लाइसेंस के बेंडर बेंडर जोन में बैठ जाते हैं। मामले के अनुसार नेशनल हॉकर फडरेशन द्वारा जनहित याचिका दायर कर कहा गया है कि राज्य में लगभग 10187 स्ट्रीट बेंडर है। सरकार ने स्ट्रीट बेंडर एक्ट 2014 का पालन अभी तक नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में एक निर्णय देकर कहा था कि सभी राज्य अपने वहाँ सभी स्ट्रीट बेंडरों का चार माह के भीतर सर्वे कर एक स्ट्रीट टाउन बेंडर कमेटी का गठन करें। जिसमे सम्बन्धित कॉर्पोरेशन,पुलिस, प्रशासन, व्यापार मंडल, जानकर लोग होंगे। लेकिन अभी तक न तो ऊत्तराखण्ड में इनका सर्वे हुआ न बेन्डिंग जोन घोषित हुआ न ही कमेटी का गठन हुआ।
5–नैनीताल । उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने शिवालिक कॉरिडोर को ड़ी नोटिफाइएड करने के मामले पर सुनवाई के बाद अगली सुनवाई की तिथि 5 जनवरी की नियत की है। आज मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश सजंय कुमार मिश्रा व न्यायमुर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ में हुई। आज सुनवाई के दौरान एनएच व राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि एनएच बनने से राज्य के विकास कार्यो में तेजी आएगी और दिल्ली व यूपी जाने के लिए समय अधिक बचेगा इसलिए जनहित याचिका को निरस्त किया जाय या अतंरिम आदेश को निरस्त किया जाय। मामले के अनुसार अमित खोलिया व रेनू पोल ने जनहित याचिकाएँ दायर कर कहा है कि 24 नवम्बर 2020 को स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक में प्रदेश के विकास कार्यो को बढ़ावा देने के लिए देहरादून जोलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तार करने लिए शिवालिक एलिफेंट रिजर्व फारेस्ट को डी-नोटिफाइड करने का निर्णय लिया गया। जो कि वन व वन्य जीवों के लिये खतरनाक है ।