बागेश्वर -ऐतिहासिक, पौराणिक, धार्मिक उत्तरायणी मेला 2021 शुभारम्भ के अवसर पर जिला प्रशासन, वरिष्ठ नागरिक एवं जनप्रतिनिधियों के संयुक्त तत्वाधान में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सत्याग्रह तथा कुली बेगार प्रथा के 100 वर्ष पूर्ण होने पर जागरूकता रैली का आयोजन किया गया, जिसे मुख्य अतिथि विधायक बागेश्वर चन्दन राम दास, जिलाधिककारी विनीत कुमार, पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा एवं अध्यक्ष नगर पालिका बागेश्वर सुरेश खेतवाल द्वारा हरी झण्डी दिखाकर तहसील परिसर बागेश्वर से रैली को रवाना किया।
इस अवसर पर मा0 विधायक बागेश्वर चन्दन राम दास ने कहा कि उत्तरायणी मेला ऐतिहासिक, पौराणिक एवं धार्मिक आस्था का प्रतीक है। जिसमें लोक पूण्य अर्जित करने के लिए बाबा बागनाथ की धार्मिक स्थल पर एकत्र होते है। उन्होंने कहा कि इस समय का मेला कोरोना संक्रमण के चलते उस भव्य रूप में आयोजित नहीं किया जा रहा है। केवल धार्मिकी अनुष्ठान ही आयोजित किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि मेले के शुभारम्भ के अवसर पर जिला प्रशासन एवं वरिष्ठ नागरिकों के संयुक्त तत्वाधान में कोविड-19 के जागरूकता एवं कुली बेगार प्रथा के 100 वर्ष पूर्ण होने पर जागरूकता रैली का आयोजन किया गया है, जिसके तहत सभी आम जनमानस को वर्तमान कोरोना संक्रमण के चलते सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन करते हुए उत्तरायणी मेले के अवसर पर आयोजित होने वाले धार्मिक अनुष्ठानों को गार्इडलार्इन के अनुसार संपादित करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग एवं सभी को मास्क का प्रयोग करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि 1921 में आज के ही दिन पं0 बद्री दत्त पाण्डेय के कुशल नेतृत्व में कुली बेगार प्रथा का अंत हुआ, जिसे आज 100 वर्ष पूर्ण होने पर जिला प्रशासन एवं वरिष्ठ नागरिकों द्वारा रैली का आयोजन किया गया है। कुली बेगार प्रथा के 100 वर्ष पूर्ण होने पर उन्होंने सभी जनपदवासियों को बहुत बहुत बधार्इ दी।
इस अवसर पर जिलाधिकारी विनीत कुमार ने उत्तरायणी मेले एवं मकर संक्राति की सभी जनपद वासियों को अपनी शुभकानमाऐं देते हुए कहा कि उत्तरायणी मेला एक पौराणिक एवं धार्मिक मेला हैं, जिसे बडी आस्था के साथ धूमधाम के साथ मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण के चलते उत्तरायणी मेले का आयोजन विगत वर्षों की भॉति इस वर्ष नहीं हो पा रहा है इसमें केवल धार्मिक गतिविधियां ही संचालित की जानी है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते आम जनमानस को जागरूक करने के लिए जिला प्रशासन एवं वरिष्ठ नागरिकों द्वारा जन जागरूकता रैली का आयोजन किया गया है जिसके माध्यम से यह संदेश सभी को पहुॅचाने की कोशिश की जा रही है कि कोरोना संक्रमण का अभी खतरा टला नहीं है और सभी को अभी भी सावधानी एवं सतर्कता बरतते हुए सरकार द्वारा जारी गार्इडलार्इन का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटार्इजेशन एवं मास्क का उपयोग करने पर सभी को विशेष ध्यान देना है तथा को भीड़भाड़ से बचना है। उन्होंने कहा कि आम जनमानस के सहयोग से ही कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है जिसमें सभी का सहयोग बहुत जरूरी है। उन्होंने कुली बेगार के प्रथा के 100 वर्ष पूर्ण होने पर वरिष्ठ नागरिकों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा निकाली गयी जागरूकता रैली के लिए सभी का आभार व्यक्त किया, तथा कहा कि इस प्रथा को समाप्त हुए 100 वर्ष आज के दिन पूर्ण हुये है जो जनपद के लिए बहुत गौरव की बात है।
इस अवसर पर अध्यक्ष नगरपालिका सुरेश खेतवाल ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते इस वर्ष उत्तरायणी मेला उस भव्य स्वरूप में आयोजित नहीं किया जा रहा है इस बार केवल धार्मिक कार्यक्रम ही आयोजित किये जा रहे है। इसमें उन्होंने सभी जनपदवासियों से अपेक्षा की है कि कोरोना संक्रमण के चलते जो भी धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किये जा रहे है उन्हें कोरोना संक्रमण के गार्इडलार्इन के अनुसार ही संपादित करने की अपील की है।
जागरूकता रैली तहसील परिसर, बस स्टेशन, एस0बी0आर्इ तिराहा, नुमार्इशखेत होते हुए सरयू तट पर समापन किया गया जिसमें जनप्रतिनिधियों, वरिष्ठ नागरिकों, विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों, विद्यालयों के छात्र-छात्राओं तथा सूचना विभाग की सांस्कृतिक टीमों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ नागरिकों द्वारा सरयू तट पर कुली बेगार प्रथा के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें कुली बेगार प्रथा को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बद्री दत्त पाण्डे के पोत्र सेवानिवृत्त कर्नल रविन्द्र पाण्डेय, अध्यक्ष वरिष्ठ नागरिक रणजीत बोरा, जिला अध्यक्ष भाजपा शिव सिंह बिष्ट, इन्द्र सिंह परिहार, कुन्दन सिंह रावत, शैलेन्द्र सिंह धपोला आदि ने कुली बेगार प्रथा के 100 वर्ष पूर्ण होने पर अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ नागरिक/अध्यक्ष बार एशोसिऐशन गोविन्द सिंह भण्डारी ने किया।