सर्दियों में घने कोहरे के सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए डीएम गर्ब्याल ने दिए महत्वपूर्ण निर्देश, प्रत्येक सरकारी व गैर सरकारी वाहनों पर करने होंगे यह जरूरी काम

ख़बर शेयर करें

नैनीताल – सर्दियों में घने कोहरे के सडक हादसों पर लगाम लगाने के लिए जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल के निर्देशों के क्रम में परिवहन विभाग द्वारा दुर्घटना से बचाव हेतु वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगाने का कार्य हुआ प्रारम्भ।
जिलाधिकारी ने बताया कि सर्दियों में हर साल दर्जनों लोग घने कोहरे के कारण सड़क हादसों में अपनी जान गंवा देते हैं। इनमें से ज्यादातर हादसे उन वाहनों के कारण होते हैं जो यातायात नियमों के पूरा नहीं करते। इनमें वो वाहन ज्यादा हैं जिनके पीछे रिफलेक्टर नहीं लगे हैं या फिर उनकी बैक लाइट काम नहीं करती। निजी वाहन व रोडवेज बसों दोनों पर ही रिफलेक्टर न के बराबर लगे होने से हादसों से निपटने के लिए एक अभियान के तहत कार्य करना होगा तभी सर्दियों में होने वाली दुर्घटनाओं पर लगाम लग सकेेगी। सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी रश्मि भटट ने बताया कि सरकारी हो या निजी वाहन। इन पर रिफलेक्टर लगाने का अभियान अभी से शुरू कर दिया गया। काम शुरू होने से वाहन चालक रिफ्लेक्टर लगाने में रुचि दिखा रहे हैं। इसका परिणाम यह हुआ कि दर्जनों चालकों ने स्वयं अपने वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगवाए। इसके साथ ही परिवहन विभाग द्वारा 22 वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगवाये गये हैं। उन्होंने बताया कि वाहनों पर इंडिकेटर, रिफलेक्टर व फोग लाइट का होना जरूरी है। ऐसी व्यवस्था न होने के कारण फोग सीजन में सड़क हादसों की संभावना बढ़ जाती है। वाहन चाहे सरकारी है या फिर गैर सरकारी हर वाहन पर रिफलेक्टर व फोग लाइट अवश्य लगी होनी चाहिए। रात को वाहन की लाइट लगते ही रिफलेक्टर चमकने लगता है। बसों में हर दिन हजारों की संख्या में लोग यात्रा करते हैं। कई बार कोहरा इतना अधिक होता है कि बिल्कुल समीप आकर भी दूसरा वाहन दिखाई नहीं देता। सड़कों पर पहले ही वाहनों का दबाव अधिक है।

जिला सूचना अधिकारी, नैनीताल 8171555477

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

👉 वॉट्स्ऐप पर समाचार ग्रुप से जुड़ें

👉 फ़ेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज लाइक-फॉलो करें

👉 हमारे मोबाइल न० 7017197436 को अपने ग्रुप में जोड़ कर आप भी पा सकते है ताज़ा खबरों का लाभ

👉 विज्ञापन लगवाने के लिए संपर्क करें

Leave a Reply

Your email address will not be published.

You cannot copy content of this page