’मेक इन इंडिया’ पहल के साथ तालमेल बिठाते हुए, भारत में अपने परिचालन के विस्तार की ओर अग्रसर
भारत के साथ मजबूती से खड़ा है लिविंगार्ड एजी, देश की सुरक्षा में अग्रिम पंक्ति के नायकों के लिए कोविड-19 को खत्म करने वाले 15 करोड़ रुपये के मास्क अनुदान स्वरूप उपलब्ध कराए
’मेक इन इंडिया’ पहल के साथ तालमेल बिठाते हुए, भारत में अपने परिचालन के विस्तार की ओर अग्रसर
देहरादून, 13 मई, 2021- इन दिनों पूरी दुनिया इस जानलेवा वायरस के खिलाफ भारत की लड़ाई को प्रत्यक्ष रूप से देख रही है, जिसने अपनी दूसरी लहर में और अधिक तीव्रता से प्रहार किया है। भारत में प्रतिदिन इसके मामलों की संख्या लगभग 4,00,000 के करीब पहुंच चुकी है, और यह आंकड़ा किसी भी देश के लिए सर्वाधिक है। यहां इसके सक्रिय मामलों की संख्या लगभग 4 मिलियन है, इसलिए यह जरूरी है कि हम कोविड-19 को फैलने से रोकें। हम में से कुछ लोग अपनी यात्रा को प्रतिबंधित करने और घर पर रहने का आनंद ले सकते हैं, लेकिन हमारे समाज के कई अभिन्न सदस्य इस संकट के दौरान दूसरों का जीवन बचाने और समुदाय की सेवा करने का कर्तव्य निभा रहे हैं। डॉक्टर, स्वास्थ्य सेवा कर्मी, पुलिस कर्मी, आपदा प्रबंधन स्वयंसेवकों, नगरपालिका श्रमिकों सहित नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक तथा इसी प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराने वाले अन्य कर्मचारी देश की सुरक्षा में अग्रिम पंक्ति के योद्धा हैं, जो जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए प्रतिदिन अपने जीवन को खतरे में डाल रहे हैं। स्विट्जरलैंड की हाइजीन कंपनी, लिविंगार्ड एजी इस भयंकर आपदा के समय भारत के साथ है, तथा कंपनी ने गैर-सरकारी संगठनों, सरकारी संगठनों, नागरिक संगठनों, अस्पतालों और विभिन्न स्वास्थ्य सेवा केंद्रों के माध्यम से इन कोविड योद्धाओं की सुरक्षा के लिए 15 करोड़ रुपये के एंटीवायरल मास्क दान किए हैं। इससे देश की सुरक्षा में अग्रिम पंक्ति के हमारे बहादुर नायकों के लिए इस वायरस से सिर्फ सुरक्षा के बजाय, कंपनी द्वारा पेटेंट कराए गए सबसे बेहतर एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल तकनीक वाले टेक्सटाइल से बने मास्क के साथ विशिष्ट सुरक्षा सुनिश्चित होगी। बर्लिन की फ्रेई यूनिवर्सिटी तथा यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के डिपार्टमेंट ऑफ एनवायर्नमेंटल साइंस के शोधकर्ताओं ने इस बात को वैज्ञानिक तरीके से साबित कर दिखाया है कि, लिविंगार्ड तकनीक के साथ विकसित टेक्सटाइल 99.9% बैक्टीरिया एवं वायरस को नष्ट करने में सक्षम है, जिसमें एसएआरएस-सीओवी-2 (कोविड-19 का कारण बनने वाले वायरस) भी शामिल हैं। इसके अलावा, इन्हें पुनः उपयोग में लाया जा सकता है तथा इन्हें 6 महीनों की अवधि तक धोकर बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है, और इस तरह ये लगभग 210 सिंगल-यूज मास्क के बराबर हैं।
लिविंगार्ड एजी हमेशा से अपने स्वच्छता समाधानों के माध्यम से लोगों के साथ-साथ धरती के स्वास्थ्य एवं कल्याण की रक्षा के अपने लक्ष्य पर कायम रहा है। इस मिशन के हिस्से के रूप में, वे भारत में अपने परिचालन और विनिर्माण क्षमताओं के विस्तार की दिशा में काम कर रहे हैं, ताकि न केवल स्थानीय स्तर पर लोगों के लिए रोजगार के अवसर सुनिश्चित हो सकें, बल्कि संक्रामक रोगों, प्रदूषण, पानी की कमी, मासिक धर्म की अपर्याप्त स्वच्छता जैसे हमेशा बरकरार रहने वाले खतरों के खिलाफ सबसे अच्छी सुरक्षा की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।
इस पहल के बारे में बात करते हुए श्री संजीव स्वामी, संस्थापक, आविष्कारक एवं सीईओ, लिविंगार्ड एजी, ने कहा, “भारत में इसके मामलों की संख्या खतरनाक दर से बढ़ रही है। मास्क पहनना अब केवल एक आवश्यकता नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक भारतीय की नैतिक जिम्मेदारी बन गई है। नागरिकों की सुरक्षा में समान रूप से भागीदार कंपनी के तौर पर, कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष करना सरकार और नागरिकों के साथ हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। वर्तमान में, मास्क सबसे व्यापक रूप से उपलब्ध हैं और ये टीके के सबसे प्रभावी विकल्प हैं तथा कोविड-19 के बढ़ते आंकड़ों को नीचे लाने में अहम योगदान दे सकते हैं। एक कोविड-19 पॉजिटिव मरीज मास्क पहनकर कोरोनावायरस को दूसरों तक पहुंचने से रोकता है, और एक स्वस्थ व्यक्ति को एसएआरएस-सीओवी-2 से संक्रमित होने से बचाता है। जरूरत की इस घड़ी में हम भारत के साथ खड़े हैं और इस लड़ाई में देश का समर्थन करते हैं। हमारी इस पहल के माध्यम से, हमारा उद्देश्य सुर्खियों से दूर रहने वाले उन सभी कोविड योद्धाओं की रक्षा करना है, जो इस युद्ध को जीतने में हमारी मदद करने के लिए प्रतिदिन अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। लिविंगयार्ड में, लोगों की सेहत व तंदुरुस्ती हमेशा से हमारी पहली प्राथमिकता रही है और इसके लिए हम भारत में अपनी सेल्फ-डिसइंफेक्टिंग तकनीक की पहुंच बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं।ष्
भारत के सबसे सम्मानित वैज्ञानिकों में से एक, पद्म विभूषण डॉ. रघुनाथ माशेलकर ने कहा, ष्मास्क के संपर्क में आने वाले एसएआरएस-सीओवी-2 वायरस को निष्क्रिय करने की लिविंगार्ड की वैज्ञानिक सफलता, निश्चित तौर पर वैश्विक स्तर के परिदृश्य को बदलने वाली है, क्योंकि यह अपनी सेल्फ-डिसइंफेक्टिंग तकनीक के कारण वायरस के प्रवेश की रोकथाम के साथ-साथ वायरस से सुरक्षा भी प्रदान करता है। प्रत्येक भारतीय और विशेष रूप से जो दूसरों को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं, उन्हें यह अद्वितीय मास्क उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। जब वैज्ञानिक रूप से यह बात साबित हो चुकी है कि अकेले टीकाकरण से 100% सुरक्षा प्रदान नहीं की जा सकती है, तो हमें इन मास्क की अहमियत को स्वीकार करना चाहिए। हमें सही मास्क पहनने तथा खुद को और जैव-संकट के बढ़ते बोझ से अपने पर्यावरण को बचाने की जरूरत है, जिसे हम नजरअंदाज नहीं कर सकते। मैं लिविंगार्ड द्वारा संकट की इस घड़ी में हमारे देश और हमारे अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं के साथ के साथ खड़े होने की इस पहल की प्रशंसा एवं सराहना करता हूँ, साथ ही अपने देशवासियों से सुरक्षित रहने और मास्क लगाने का आग्रह करता हूँ।”
इस पहल के तहत, लिविंगार्ड एजी ने चाइल्ड रिलीफ एंड यू ‘सीआरवाई’ मैजिक बस, अपनालय, मुंबई पुलिस, टाटा मेमोरियल, पंजाब पुलिस, आईएसबी स्टूडेंट्स, एजुकेट गर्ल्स, 108 एम्बुलेंस, कंसर्न, इंडिया, हेल्पिंग हैंड्स, शवदाहगृह कर्मियों, फ्रीडम फॉर यू फाउंडेशन, कोरो इंडिया, के. शमांता एनजीओ, साधु वासवानी मिशन, राधास्वामी सत्संग ब्यास, भारती थाहलीआनी जैसे विभिन्न एनजीओ एवं संगठनों तथा और श्री दिनकर गुप्ता, आईपीएस, डीजीपी, चंडीगढ़ तथा इस कार्य में संलग्न अन्य लोगों को मास्क दान किए हैं।
इस मौके पर सुश्री क्रियान रबाडी, क्षेत्रीय निदेशक – पश्चिम, सीआरवाई, ने कहा, “एंटी-माइक्रोबियल तकनीक के साथ 25,000 उच्च गुणवत्ता वाले फेस मास्क दान करने के लिए सीआरवाई लिविंगयार्ड के प्रति आभार प्रकट करता है। ये मास्क हमारे परियोजना क्षेत्रों में अग्रिम पंक्ति में कार्यरत हमारे कर्मचारियों तक पहुंचाए जाएंगे। वे हमारे बच्चों और समुदायों को महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करते हैं, इसलिए महामारी के इस दौर में उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए मैं लिविंगवर्ड को धन्यवाद देती हूँ।”
लिविंगार्ड हमारे कोविड नायकों की सेवा और योगदान के प्रति सम्मान प्रकट करता है और उनके बलिदान के लिए आभारी है। क्योंकि देश की सुरक्षा में अग्रिम पंक्ति के नायक इस संकट से जूझ रहे हैं। इस भयंकर आपदा के समय पूरा देश एकजुट हो गया है, जहां प्रत्येक भारतीय इस युद्ध में हर संभव तरीके से अपने साथी देशवासियों की मदद कर रहा है। नागरिकों के रूप में, हमारी भी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम घर पर रहें और घर से बाहर कदम रखते समय हमेशा मास्क पहनें। हम साथ मिलकर इसे हरा सकते हैं और मजबूत बनकर उभर सकते हैं! लिविंगार्ड सार्वजनिक और निजी संस्थानों के साथ साझेदारी के लिए उत्सुक है, ताकि विशेष रूप से इस महामारी से सुरक्षा प्रदान करने की तकनीक से सुसज्जित इस एंटीवायरल मास्क का उपयोग उन लोगों द्वारा किया जा सके जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।
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