मोनी अमावस्या पर क्या होता है मौन का अर्थ आइए जानते हैं
मौन का अर्थ है चुप्पी अर्थात मौन व्रत इस दिन मौन व्रत रखा जाता है। इस बार सन् 2022 में 1 फरवरी 2022 दिन मंगलवार को मोनी अमावस्या मनाई जाएगी। आज के पावन दिन मौन व्रत संकल्प लेकर करना चाहिए। प्रातः मौन धारण करके किसी पवित्र नदी सरोवर या आसपास के जल स्रोत में स्नान से पवित्र होकर घर आकर संकल्प लें। संकल्प अपनी सामर्थ्य के अनुसार ही लेना चाहिए। संकल्प 1 दिन के व्रत का ले अथवा 1 सप्ताह या फिर 1 मास या पूरे वर्ष भर का ले सकते हैं। वर्ष भर का संकल्प तो संभव नहीं है बहुत बड़े-बड़े तपस्वी लोग वर्षभर मौन व्रत रखने का संकल्प ले सकते हैं अधिक से अधिक 1 मास तक व्रत लिया जा सकता है। या 1 सप्ताह तक फिर कम से कम मोनी अमावस्या के दिन मात्र 1 दिन का मौन व्रत रखा जा सकता है। या ऐसा संकल्प भी ले सकते हैं कि पूरे वर्ष भर कम से कम बोलने का संकल्प। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी देखा जाए कम बोलने से ऊर्जा नष्ट होने से बच जाती है। जो हमारे मस्तिष्क एवं तंत्रिका तंत्र को मजबूत कर सकती है। हमारा शरीर भी एक मशीन की तरह कार्य करता है जिसमें अनेक तंत्र हैं जैसे पेशी तंत्र पाचन तंत्र तंत्रिका तंत्र जनन तंत्र उत्सर्जित तंत्र आदि आदि। इन सभी तंत्रों को ठीक रखने के लिए उसे बीच बीच में आराम देना भी नितांत आवश्यक है। जिस प्रकार पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए साप्ताहिक उपवास रखा जाता है ठीक इसी प्रकार मस्तिष्क तंत्रिका तंत्र और स्वर ग्रंथियों को ठीक रखने के लिए मौन व्रत भी होना आवश्यक है। इसलिए यह व्रत अवश्य रखना चाहिए। चाहे आप मात्र एक ही दिन का क्यों न रखें। वर्ष में 1 दिन तो सभी तकनीकी मशीनें भी बंद रह जाती हैं। गाड़ियां कल कारखाने छापेखाने फैक्ट्री आदि वर्ष में चार-पांच दिन बंद रहती हैं प्रेस समाचार पत्र छापेखाने आदि वर्ष में एक समय अंतराल के बाद चार-पांच दिन बंद रहती हैं। ठीक इसी प्रकार मौन व्रत रखने से मनुष्य का विकास होता है आध्यात्मिक एवं सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। जो कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। मोनी अमावस्या को क्या-क्या वस्तुएं दान करें? इस दिन तिल गर्म कपड़े कंबल आदि दान करने चाहिए। जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा नीच का है उन्हें इस दिन सफेद वस्तुएं जैसे दूध दही चावल खीर चीनी मिश्री बतासे वह सफेद वस्त्र आदि दान करने चाहिए। मौनी अमावस्या को माघ की अमावस्या भी कहते हैं। यह पावन दिन मंत्र साधना के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। माघ अमावस्या के दिन ही ब्रह्मा जी ने प्रथम पुरुष अर्थात स्वयंभू मनु की उत्पत्ति की थी। और सृष्टि की रचना का कार्य इसी दिन से प्रारंभ हुआ था। इसके अतिरिक्त द्वापर युग का प्रारंभ भी इसी दिन से प्रारंभ हुआ था। अतः इस दिन से कोई नया कार्य प्रारंभ नहीं किया जाता क्योंकि यह युग तिथि मानी गई है। चार युगों के प्रारंभ की चार तिथियां होती हैं जिसमें कोई नया कार्य प्रारंभ करना वर्जित माना जाता है इन चार युगतिथियों में द्वापर युग की तिथि मौनी अमावस्या ही है। मोनी अमावस्या को मुख्य रूप से पितरों के निमित्त दान तर्पण आदि के लिए मोनी अमावस्या श्रेष्ठ बताई गई है। इससे पितर प्रसन्न होते हैं।
शुभ मुहूर्त, ,,,,,, इस बार सन् 2022 में दिनांक 1 फरवरी 2022 दिन मंगलवार को मोनी अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन अमावस्या दिन में 11:18 तक है। यदि शुभ योग की बात करें तो इस दिन व्यतिपात नामक योग है। जो अगले दिन प्रातः 3:08 तक रहेगा। इस दिन श्रवण नामक नक्षत्र सायं 7:44 तक रहेगा। तदोपरांत धनिष्ठा नामक नक्षत्र उदय होगा।