प्रो.एच.सी.चन्दोला को कुमाऊँ विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय का किया गया संकायाध्यक्ष नियुक्त

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प्रसिद्ध भौतिक शास्त्री प्रोफेसर एच.सी. चन्दोला होंगे, कुमाऊं विश्वविद्यालय, के विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष
डी.एस.बी. परिसर, कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल के भौतिक विज्ञान के वरिष्ठ प्राध्यापक एवं पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. एच.सी. चन्दोला को कुमाऊं विश्वविद्यालय, के विज्ञान संकाय का संकायाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। प्रो. चंदोला विगत 40 वर्षों से विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान के प्राध्यापक के रुप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। प्रो. चंदोला एक विश्वप्रसिद्ध वैज्ञानिक, ख्यातिप्राप्त शिक्षक एवं स्वच्छ छवि के ईमानदार प्रसाशक हैं।
अपने छात्र जीवन से ही प्रो. चंदोला एक कुशाग्र बुद्धि के छात्र एवं शोधार्थी रहे हैं एवं विभिन्न छात्रवृत्तियों एवं शोधवृत्तियों से सम्मानित किए जा चुके हैं।
अपने उत्कृष्ट शोध कार्य हेतु वर्ष 1986 में प्रो. चंदोला, कोलारोडो विश्वविद्यालय, अमेरिका एवं वर्ष 1993 में विश्व प्रसिद्ध प्रयोगशाला CERN लेबोरेटरी, जेनेवा में अतिथि वैज्ञानिक के रूप में आमंत्रित कर सम्मानित किए किए गए। इसके अलावा वर्ष 1993 में प्रो. चंदोला को यूरोपियन कमीशन बेल्जियम द्वारा प्रसिद्ध कम्युनिटी ऑफ यूरोपियन काउंसिल फेलोशिप से सम्मानित कर शोध कार्य हेतु आमंत्रित किया गया। वर्ष 1991 से 1993 के दौरान प्रो. एच. सी. चंदोला को प्रसिद्ध इंडो जर्मन अकादेमिक एक्सचेंज प्रोग्राम के अन्तर्गत प्रसिद्ध DAAD फेलोशिप से सम्मानित कर कोंस्ताज विश्वविद्यालय, जर्मनी, बर्लिन विश्वविद्यालय, जर्मनी, इंटरनेशनल सेंटर फॉर थ्योरेटिकल फिजिक्स, ट्रिस्टे, इटली, पेरूजिया विश्वविद्यालय इटली एवं मैक्स प्लांक इंस्टीट्यूट ऑफ बेसिक साइंसेज जर्मनी में शोध कार्य का अवसर प्रदान किया गया। पुनः क्रमशः 1996, 1998, 2002, 2006 एवं 2008 में कोंस्तांज विश्वविद्यालय, जर्मनी द्वारा उन्हें DAAD फेलोशिप द्वारा सम्मानित कर शोध कार्य हेतु आमंत्रित किया गया। इसके अलावा इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंसेज, चैन्नई, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली, डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली एवं औद्यौगिक एवं वैज्ञानिक शोध परिषद द्वारा उन्हें शोधवृत्ति तथा शोध परियोजना प्रदान कर सम्मानित किया जा चुका है। उनके द्वारा दिए गए मूलभूत कणों में mass generation सिद्धान्त हेतु उन्हें वर्ष 2021 में Jean de Climont, Editions d’Assailly फ्रांस द्वारा विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिकों की सूचि में स्थान दिया गया। प्रो. चंदोला द्वारा अब तक लगभग 150 शोध पत्र अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित किए गए हैं तथा उनके द्वारा चार शोध परियोजनाओं को सफलता पूर्वक संपादित किया जा चुका है तथा 16 शोधार्थी उनके निर्देशन में शोध पूर्ण कर देश विदेश की विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वे राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 50 से अधिक वैज्ञानिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग कर व्याख्यान दे चुके हैं।
गौरतलब है कि प्रोफेसर एच.सी. चंदोला के कुशल नेतृत्व में ही कुमाऊं विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा उन्नत अध्ययन केन्द्र के रूप में अंतराष्ट्रीय पहचान मिली।
अपने उत्कृष्ट शिक्षण एवं शोध कार्यों से भौतिक विज्ञान विभाग एवं कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल को वैश्विक पहचान दिलाने वाले प्रो. चंदोला पूर्व में भौतिक विज्ञान विभाग के परिसर विभागाध्यक्ष, संयोजक एवं विभागाध्यक्ष के पद के उत्तरदायित्वों का लगभग 08 वर्षों तक निर्वहन करने के साथ साथ कुमाऊं विश्वविद्यालय शोध निदेशालय के निदेशक एवं डी.एस.बी. परिसर, नैनीताल के परिसर निर्देशक के रुप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। छात्रों के मध्य एक लोकप्रिय शिक्षक के साथ साथ वे भौतिक विज्ञान विभाग में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली द्वारा संचालित, सैप (विशिष्ट अनुदान कार्यक्रम) के समन्वयक भी है तथा विभाग में सक्रिय रूप से अंतराष्ट्रीय स्तर की विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों, संगोष्ठी, कार्यशाला एवं व्याख्यान का आयोजन करते रहते हैं तथा भौतिकी विभाग की गुणात्मक वृद्धि के साथ साथ पुस्तकालय एवं प्रयोगशालाओं के विकास में भी अभिन्न योगदान देते हैं।
मूलतः पौड़ी गढ़वाल के निवासी प्रो. एच.सी. चंदोला ने वर्ष 1979 में गढ़वाल विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर के बाद कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल से ही प्रसिद्ध भौतिक शास्त्री एवं पूर्व कुलपति प्रो. बी. एस. राजपूत
के निर्देशन में शोध कार्य किया तथा वर्ष 1984 से वे डी.एस.बी. परिसर, कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल एक लोकप्रिय शिक्षक एवं उत्कृष्ट शोधकर्ता के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
प्रो. एच.सी. चंदोला के संकायाध्यक्ष नियुक्त होने पर विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं तथा अपेक्षा की है कि उनके कुशल नेतृत्व में विज्ञान संकाय निश्चय ही नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा।

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