खेल सचिव IPS अमित सिन्हा ने नेशनल गेम्स के बाबत आईनबॉल खेल का पुलिस अकादमी में लिया जायजा
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खेल सचिव IPS अमित सिन्हा जी ने नेशनल गेम्स के बाबत आईनबॉल खेल का पुलिस अकादमी में जायजा लिया।
खेलों के प्रति जुनूनी आईपीएस अधिकारी जिनको उत्तराखंड सरकार ने राज्य के खेल विभाग का अतिरिक्त भार दिया है ने आज पुलिस अकादमी में जाकर उत्तराखंड में होने वाले नेशनल गेम्स का जायजा लिया जिसमें उन्होंने इंडो-अफ्रीका की सांझी पहल आइनबॉल नामक खेल का बारीकी से अध्यन्न किया की किन खूबियों के चलते इस खेल को नेशनल गेम्स का हिस्सा बनाया जा सकता है, इस मौके पर उनके साथ उत्तराखंड सरकार के स्पोर्ट्स डायरेक्टर जितेंद्र कुमार भी मौजूद थे और साथ ही वर्ल्ड आइनबाल संघ के CEO प्रताप सिंह चौहान और संघ के सलाहकार विंग कमांडर सतीश अपराजित के साथ आइनबॉल उत्तराखंड टीम के ट्रेनर (धर्मेंद्र जग्गी , मनीष रावत, दुर्गेश कोठरी , प्रशांत बिंजोला , और प्रदीप चौहान ) भी मौजूद थे।
आईनबॉल रंग, एकाग्रता और समन्वय पर आधारित एक ऐसा खेल है जो मात्र 15 से 20 मिनट में पूरी तरह से प्रतिभागियों को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से मजबूत करता है और इस खेल के माध्यम से खिलाड़ियों की मांसपेशियों में फुर्ती और ताकत आती है। यह एक अनूठा खेल है जो फुटबॉल, बास्केटबॉल, हैंडबॉल, वॉलीबॉल, खो-खो और ऍथलॅटिक्स को जोड़ता है!आईनबॉल मूल रूप से एक ऐसा खेल है जो आपके मस्तिष्क को विकसित करने में मदद करता है।
पूरी दुनिया में तेजी से पकड़ बनाते हुए इस खेल की प्रथम नेशनल प्रतियोगिता द्रोणाचार्य नारायण सिंह राणा (पहले जाने-माने निशानेबाज और पहले उत्तराखंड के खेल मंत्री) की उपस्थिति में हरिद्वार में साल 2018 में आयोजित की गई। जिसमें देश की 12 राज्यों के खिलाड़ियों ने भाग लिया था। उसके बाद 2019 में भारतीय आईनबॉल टीम मोरक्को में आयोजित आईनबॉल विश्व चैंपियनशिप में भी दूसरे स्थान पर रही और अपने देश के लिए रजत पदक जीता। प्रधानमंत्री कार्यालय के दिशा निर्देशन में जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में इस खेल की एक अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता ब्रिगेडियर मोहमाद उस्मान भी करवाई गई जहां जी20 से पहले कई इस्लामिक देशों ने कश्मीर में शिरकत करी और पूरी दुनिया को दिखाया की कैसे कश्मीर का पर्यटन आज पूरी दुनिया के लिए पर्याय बन रहा है। भारत को खेल पर्यटन में विकसित करने के इसी उद्देश्य से एक सफल आयोजन गुजरात के प्रशासन के साथ मिलकर कच्छ में किया गया जहां देश के 400 खिलाड़ी कोरोना के बाद एकजुट हुए।
आइनबाल की खूबियों को देखते हुए गुजरात पुलिस ने अपनी सभी बटालियन में इसकी ट्रेनिंग अकादमी शुरू की है वहीं अग्निवीर प्रथम बैच को भी आइनबॉल की ट्रेनिंग भारतीय संघ के चेयरमैन वाइस एडमिरल सतीश कुमार घोरमाडे (पूर्व वाइस चीफ नेवी) के अथक प्रयासों से संभव हुआ। न केवल देश के सरकारी स्कूलों बल्कि मिलिट्री स्कूल और अदानी जैसे बड़े स्कूल में भी आइनबॉल बहुत तेजी से अपनी पकड़ बना रहा है। देवभूमि उत्तराखंड आइनबॉल एसोसिएशन के निदेशक विनीत शर्मा जी ने बताया की चूंकि यह खेल सीमित साधनों से खेला जा सकता है इसलिए पहाड़ी क्षेत्र के बच्चे इसमें काफी आगे हैं और असम दो बार का नेशनल चैंपियन बना है और इसी बात को ध्यान में रखते हुए सिन्हा साहब इस खेल को नेशनल गेम्स में शामिल करवाने पे विचार कर रहे हैं जिससे की आने वाले समय में उत्तराखंड के पहाड़ी बच्चो के हुनर को देश और दुनिया के सामने दिखलाया जा सके।
रंग बिरंगी (लाल, पीला, हरा, नीला) गेंद और ड्रेसकोड होने के कारण बच्चों को इस खेल में बहुत ही आनंद और मनोरंजन का अनुभव होता है इसलिए अभिभावक इस खेल की ओर बहुत तेजी से रुख कर रहे हैं।
देवभूमि उत्तराखंड आइनबॉल एसोसिएशन के निदेशक और पैरालंपिक इंडियन टीम के कोच सुभाष राणा जी का मानना है की आईनबॉल बाकी खेलों की मूल संरचना है और खेल क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने में हमारी मदद करेगा, हमारे युवा प्रशिक्षक कबड्डी और योगा की तर्ज पर पूरी दुनिया में जाकर इस खेल के माध्यम से न केवल रोजगार हांशील कर रहे हैं बल्कि देश का प्रतिनिधित्व करने में गौरांवित महसूस कर रहे हैं, सरकार को भारतीय युवाओं के प्रयासों को मजबूती देने का काम करना चाहिए। प्रताप सिंह चौहान ने मोरोक्को के मोहमद हमान के साथ मिलकर 2015 में इस खेल की वर्ल्ड फेडरेशन बनाई थी जिसका हेडक्वार्टर आज दिल्ली में विद्यमान है।
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