राज्य महिला आयोग द्वारा आयोजित महिला जागरूकता शिविर का किया आयोजन
हल्द्वानी – महिला आयोग समय-समय पर महिलाओं के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता है। महिलायें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होकर योजनाओं का लाभ उठायें। घरेलू हिंसा रोकना व उनका निराकरण के लिए आयोग हमेशा प्रत्यशील हैं।
यह बात उत्तराखण्ड महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विजय बडथ्वाल ने ब्लाॅक सभागार हल्द्वानी में राज्य महिला आयोग द्वारा आयोजित महिला जागरूकता शिविर में कही। उन्होेने कहा कि हम अपने बच्चों को परिवारिक मूल्य व संस्कार दे तभी स्वच्छ समाज का निर्माण होगा। उन्होेने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों से नियमित वार्ता करें व उनकी काउन्सिंलिग करें तंाकि बच्चे अभिभावकों से अपनी बात कर सके। उन्होनेे कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढाओं व उन्हें शिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाये, यह कार्य घर से प्रारम्भ किया जाय। श्रीमती बडथ्वाल ने कहा कि जिस समाज में नारी का सम्मान होता है व समाज सशक्त व विकासित होता है। इसलिए हमें महिलाओं के प्रति संवेदनशील होकर उनको सम्मान दें, सम्मान जनक व्यवहार करें तथा उनकी समस्याओं का प्राथमिकता से निदान करें।
आयोग की अध्यक्ष श्रीमती बडथ्वाल ने कहा कि इस वर्ष अभी तक लगभग 1200 महिला हिंसा वाद आयोग को प्राप्त हुए है जिसमे से 900 वादों का आयोग द्वारा निराकरण किया जा चुका है, शेष वादों का निस्तारण कार्य गतिमान है। उन्होने महिलाओं से कहा कि वे जागरूक होकर सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आर्थिक मजबूत करें व आपसी सामंजस्य व सूझ-बूझ से परिवार चलायें व भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनायें। आयोग की अध्यक्ष द्वारा महिलाओं को शपथ दिलाई गई, साथ ही पाॅच महिलाओं को उनकी द्वितीय पुत्री होने पर सम्मानित भी किया गया।
सम्बोधित करते हुए महिलाओं की उपाध्यक्षा श्रीमती शायरा बानो ने कहा कि महिला आयोग का कार्य समाज में असमानता दूर करना तथा महिलाओं को जागरूक करने के साथ ही उनको हिंसा से बचाना है। उन्हांेने कहा बेटियों को शिक्षित कर आत्मनिर्भर बनायें तभी समस्या आने पर बेटियां उससे निपट सकेगे। उन्होने कहा कि सरकार द्वारा निर्भया योजना,वन स्टाॅप सेन्टर जैसी योजनाये महिला हिंसा पर रोक लगाने हेतु संचालित की जा रही है।
आयोग की सचिव कामिनी गुप्ता ने कहा कि आयोग महिलाओं को संविधान द्वारा दिये गये अधिकारों के संरक्षण में सहायता प्रदान करता है। आयोग महिलाओं का मानसिक, शारीरिक, व समाजिक शोषण तथा भेदभाव को रोकता है तांंिक महिलायें घर व बाहर निर्भय होकर सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत कर सके। उन्होेने कहा कि महिला आयोग महिलाओ के विकास के लिए कार्यरत विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर समय-समय पर उनके कार्यो की समीक्षा भी करता है। महिला जागरूकता शिविर में महिला कल्याण, बाल विकास, बाल संरक्षण, विधिक सेवा, समाज कल्याण, शिक्षिता, महिला हैल्प लाईन,पुलिस हैल्प लाईन, वन स्टाॅप सेन्टर, स्वास्थ्य, उद्योग,परिवहन, कृषि आदि विभागीय अधिकारियों द्वारा योजनाओं की विस्तृति जानकारियां दी गई।