श्रद्धालुओं का कारवां पहुँचा छोटा कैलाश
महाशिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालुओं ने छोटे कैलाश में जाकर दर्शन किए । यूं तो विगत एक वर्ष से कोरोना संक्रमण के चलते श्रद्धालु गण किसी भी पर्व, त्योहार, धार्मिक अनुष्ठान में इतनी अधिक मात्रा में एकत्र नहीं हुए जितने कि, इस बार महाशिवरात्रि के अवसर पर छोटा कैलाश पर्वत पर नजर आए।
छोटा कैलाश मंदिर समिति के पुजारी जी के कथनानुसार दोपहर तक 20,000 श्रद्धालु गण छोटा कैलाश में शिव के दर्शन को आ चुके थे और शाम तक यह संख्या और अधिक बढ़ने की संभावना है।
छोटा कैलाश की तीर्थ के रूप में एक मान्यता को देखते हुए दूर-दूर से शिवभक्त यहां अपनी हाजिरी लगाने आते हैं।
शिव के इस तीर्थ की महिमा को देखते हुए भीमताल क्षेत्र के विधायक राम सिंह केड़ा सहित जनसामान्य के आम और खास नागरिक यहां आए और उनके द्वारा जलाभिषेक कर अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना की।
संस्कृति कर्मी गौरीशंकर कांडपाल एवं उनके पुत्र प्रणव कांडपाल ने छोटा कैलाश में गाए शिव भजन
संस्कृति कर्मी गौरीशंकर काण्डपाल और उनके सुपुत्र प्रणव काण्डपाल के द्वारा छोटा कैलाश शिव तीर्थ में भक्तों के बीच में भजन सुनाया । इसके बारे में बताते हुए गौरीशंकर काण्डपाल कहते हैं कि, महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर उनके द्वारा हुडके पर तथा उनके पुत्र प्रणव काण्डपाल के द्वारा ढपली पर संगत प्रदान करते हुए शिव भजन गाए जिन्हें दर्शकों के द्वारा काफी सराहा गया गौरी शंकर के बोल ‘ओ शंकरा तेरा घोटा पिया तेरे घोटे को पी के हम मगन हो गए।’
शंकर तेरे चरणों की थोड़ी धूल जो मिल जाए, सच कहता हूं बाबा तकदीर बदल जाए।
इसके अतिरिक्त पिता- पुत्र के द्वारा महाशिवरात्रि के अवसर पर होली के गीत भी गाए गए जोकि शिव को समर्पित थे, जिसके बोल रहे ‘शिव के मन माहि बसे काशी, काहे करन को बामन बनिया, काहे करन को संन्यासी’।