कुमाऊँ विश्वविद्यालय ने सीफोरवी के साथ किया एमओयू, दोनों संस्थान मिलकर तलाशेंगे, आपसी हित वाली अनुसंधान परियोजनाओं की संभावना
यह पहल दो संस्थानों के बीच मजबूत सहयोग स्थापित करने में करेगी मदद
उच्च-ऊर्जा-शक्ति और लम्बी आयु की लिथियम-आयन बैटरियों के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाली न्यू यार्क (यूएसए) स्थित कंपनी चार्ज सीसीसीवी (सीफोरवी) ने कुमाऊँ विश्वविद्यालय के साथ शोध, शैक्षणिक और विकासात्मक कार्यक्रम पर एमओयू किया गया। 19 जनवरी 2024 को एमओयू पर हस्ताक्षर कार्यक्रम के दौरान, सीफोरवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं संस्थापक डॉ० शैलेश उप्रेती और कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री दिनेश चंद्रा ने कहा कि यह पहल दो संस्थानों के बीच मजबूत सहयोग स्थापित करने में मदद करेगी।
ज्ञात हो कि सीफोरवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं संस्थापक डॉ० शैलेश उप्रेती मूलतः अल्मोड़ा के रहने वाले हैं। उनके द्वारा बी०एससी० व एम०एससी० की डिग्री कुमाऊँ विश्वविद्यालय से प्राप्त कर आई०आई०टी० दिल्ली से पीएच०डी० की गई।
इस एमओयू के तहत चार्ज सीसीसीवी (सीफोरवी) द्वारा न्यूयॉर्क की स्टेट यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने के इच्छुक कुमाऊँ विश्वविद्यालय के एक छात्र को चार साल के लिए 8 लाख रुपये प्रति वर्ष की फेलोशिप प्रदान की जाएगी। सीफोरवी अगले तीन वर्षों के लिए रसायन विज्ञान या भौतिकी विभाग के दो पीएचडी छात्रों को 8000 रुपये प्रति माह की पीएचडी फेलोशिप प्रायोजित करेगी। इसी के साथ सीफोरवी द्वारा तीन आर्थिक रूप से कमजोर परन्तु मेधावी छात्रों को तीन साल तक 5000 रुपये प्रति वर्ष फेलोशिप दी जाएगी।
एमओयू के तहत सीफोरवी जहाँ अपनी आवश्यकता के अनुसार कुमाऊँ विश्वविद्यालय के छात्रों को इंटर्नशिप की पेशकश करने की संभावना तलाशेगा वहीं दोनों संस्थान मिलकर आपसी हित वाली अनुसंधान परियोजनाओं की संभावना भी तलाशेंगे।
इस अवसर पर कुलपति प्रो० दीवान सिंह रावत ने इस सहभागिता को अनुसंधान-उन्मुखी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि समझौता ज्ञापन का उद्देश्य आपसी सहयोग और प्रत्येक संसाधन के अधिक प्रभावी उपयोग को बढ़ावा देना एवं उन्नत अवसर प्रदान करना होगा। उन्होंने बताया कि सीफोरवी कंपनी छात्रों को औद्योगिक इंटर्नशिप की पेशकश भी करेगी ताकि उन्हें औद्योगिक उत्पादों पर काम करने का अवसर प्रदान किया जा सके।
इस अवसर पर सीफोरवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ० शैलेश उप्रेती ने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार और विकास के मामले में यह समझौता ज्ञापन हमारे लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हम कुमाऊँ विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी करके उत्साहित हैं। साथ में, हमारा लक्ष्य औद्योगिक को अकादमिक ज्ञान से जोड़ते हुए एक सहयोगी वातावरण बनाना है जो वैज्ञानिक प्रगति को बढ़ावा देता है।