रोपवे निर्माण के लिए सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के साथ समझौता करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड
रोपवे निर्माण के लिए सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के साथ समझौता करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड
-समझौते के तहत प्रदेश भर में बनाए जाएंगे सात रोपवे
-एनएचएआई की ओर से डीपीआर तैयार करने के बाद शुरू किया जाएगा निर्माण कार्य
देहरादून। रोपवे निर्माण के लिए सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के साथ अनुबंध करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है। उत्तराखंड में रोपवे निर्माण के लिए सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार को नोडल विभाग बनाया गया है। रोपवे निर्माण के भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की ओर से डीपीआर तैयार कर काम शुरू किया जाएगा।
राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए रोपवे यात्रियों एवं पर्यटकों के लिए एक प्रदूषण मुक्त यातायात का प्रमुख साधन बनेगा। उत्तराखंड में विभिन्न धार्मिक एवं साहसिक पर्यटन गंतव्यों तक अधिक से अधिक पर्यटकों व श्रद्धालुओं को सुगमतापूर्वक पहुंचाने और पर्यटकों का गमनागमन वर्षभर किए जाने के उद्देश्य से राज्य सरकार के पर्यटन विभाग तथा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के मध्य एमओयू दिनांक 10 सितंबर 2021 को हस्ताक्षरित किया गया।
सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की नियंत्राणाधीन नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के द्वारा प्रथम चरण में प्रदेश के सात रोपवे केदारनाथ रोपवे, नैनीताल रोपवे, हेमकुंड साहिब रोपवे, पंचकोटी से नई टिहरी, औली से गौरसू, मुनस्यारी से खलिया टॉप तथा ऋषिकेश से नीलकंठ महादेव तक सात रोपवे के डीपीआर गठन एवं निर्माण की कार्यवाही राज्य सरकार के साथ मिलकर की जाएगी। इन रोपवे के निर्माण से श्री केदारनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे कई किलोमीटर पैदल मार्ग वाले स्थानों तक भी लोग आसानी से पहुंच सकेंगे। इसका सीधा लाभ महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांग लोगों को मिलेगा।
श्री केदारनाथ जी एवं हेमकुंड साहिब जैसे धार्मिक स्थलों पर लंबी पैदल यात्रा कर पहुंचा जाता है। इसमें अधिक समय लगने के साथ ही महिलाओं, बुजुर्गों तथा बच्चों को यात्रा के दौरान अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। रोपवे निर्माण हो जाने के फलस्वरूप सभी प्रकार के पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को इन धार्मिक यात्रायों को आसानी से कम समय में पूरा कर दर्शन का लाभ प्राप्त हो सकेगा। यह गर्व का विषय है कि उत्तराखंड पहला राज्य होगा जिसने सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा रोपवे की फिजीबिलीटी डीपीआर एवं निर्माण हेतु अनुबंध हस्ताक्षरित किया है। इससे पहले पर्यटन विभाग मसूरी, पुर्णागिरी और सुरकंडा देवी रोपवे को पीपीई मोड पर बनाने एवं संचालित किए जाने हेतू कार्यवाही की गयी है। इसमें से सुरकंडा देवी रोपवे का संचालन इस वर्ष के अंत में शुरू कर दिया जाएगा।
पर्यटन सचिव श्री दिलीप जावलकर ने कहा कि सभी रोपवे निर्माण से यात्री प्रदूषण मुक्त सफर का आनंद ले सकेंगे। रोपवे के जरिए श्री केदारनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे धार्मिक स्थानों पर हर उम्र का तीर्थयात्री पहुंच सकेगा। जिससे प्रदेश में धार्मिक आस्था के साथ ही वर्ष भर प्रदेश में पर्यटकों का गमनागमन बना रहेगा। रोपवे से जहां प्रदूषण से छुटका मिलेगा वहीं वन्य जीवों पर भी ध्वनि प्रदूषण से भी बचाया जा सकेगा।
मुख्य सचिव उत्तराखंड श्री डॉ. एसएस संधु की मौजूदगी में उत्तराखंड पर्यटन की ओर से श्री युगल किशोर पंत अपर सचिव पर्यटन एवं अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद तथा सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के एनएचएलएमएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री प्रकाश गौड़ ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।इस मौके पर श्री आरके सुधांशु प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग, श्री मनोज कुमार चौयरमेन एनएचएलएमएल, यूटीडीबी के वरिष्ठ शोध अधिकारी श्री एसएस सामंत व एनएचएलएमएल एवं के परियोजना सदस्य आदि मौजूद रहे। प्रदेश के सात स्थानों पर रोपवे निर्माण होने से निश्चित रूप से प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही देश-दुनिया के तीर्थयात्री व पर्यटक उत्तराखंड में रोमांच भरे सफर का आनंद भी उठा सकेंगे। सभी सात रोपवे देश सहित विदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगे।
श्री सतपाल महाराज, पर्यटन मंत्री