कुलपति प्रो. दीवान एस रावत ने विश्वविद्यालय के शैक्षणिक स्तर को और अधिक बेहतर करने के लिए की कई पहल, इलाज के लिए काम आ सकता है प्लास्टिक जानिए कैसे ?

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प्रोफेसर टैक्सो कनैको ने कुमाऊं विश्वविद्यालय की तरफ से आयोजित विशेष ऑनलाइन व्याख्यान

आम तौर पर जानलेवा और हानिकार माने जाने वाले प्लास्टिक को लेकर ऐसे शोध सामने आ रहे हैं जिनका दावा है कि प्लास्टिक को इंसान और जानवरों का जीवन बचाने में उपयोग किया जा सकता है। जापान में जन्मे और चीन में पढ़ा रहे प्रोफेसर टैक्सो कनैको ने कुमाऊं विश्वविद्यालय की तरफ से आयोजित विशेष ऑनलाइन व्याख्यान के दौरान प्लास्टिक के सदुपयोग के कई रास्ते सुझाए। प्रोफेसर कनैको अपने शोध के जरिए साबित कर चुके हैं कि इस्तेमाल के बाद फेंक दिए जाने वाला प्लास्टिक, गलाकर नष्ट किया जा सकता है और इलाज के लिए इस्तेमाल भी किया जा सकता है. 
       प्रोफेसर कनैको ने कहा कि प्लास्टिक को कुछ खास तरीके की रासायनिक क्रियाओं से होकर गुजारा जाए तो ये पूरी तरह नष्ट हो सकता है. अगर इसे नष्ट नहीं करना है तो प्लास्टिक वेस्ट को इस तरह परिवर्तित किया जा सकता है कि इससे शरीर में लगने वाले टांके बनाए जा सकते हैं. उन्होंने बताया कि प्लास्टिक से बने इस तरह के टांकों का इस्तेमाल खासतौर पर उन इलाकों में किया जा सकता है जहां अस्पताल नहीं हैं और फिर भी वहां लोगों के घावों को सिलने की आवश्यकता पड़ती है। टांकों का इस्तेमाल जानवरों के घावों को सिलने के लिए भी किया जा सकता है। प्रोफेसर कनैको के शोध में ये बात भी सामने आई है कि ऐसे प्लास्टिक का इस्तेमाल समुद्री जीवों, जानवरों और छोटे बच्चों की पेट या पाचन संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए किया जा सकता है।
     चीन के वुक्सी शहर में स्थित जांगनान यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कैनको के इस दिलचस्प शोध के बारे में जानने के लिए कुमाऊं विश्वविद्यालय के साथ-साथ दूसरे राज्यों के नामी विश्वविद्यालयों के शिक्षक, छात्र-छात्राएं और शोधार्थी बड़ी संख्या में जुड़े। सोमवार को आयोजित इस ऑनलाइन व्याख्यान का विषय था “नेक्स्ट जेनरेशन प्लास्टिक्स”।
      प्रोफेसर कनैको ने प्लास्टिक के साथ-साथ नेचुरल प्रॉडक्ट्स में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का शोध किया है। इन्हीं शोधों की ख्याति की वजह से प्रोफेसर कैनेको कई अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से भी नवाजे जा चुके हैं। प्रोफेसर कनैको अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक संस्थाओं के सक्रिय सदस्य भी हैं। उनके अनेकों शोधपत्र जाने-माने जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं।
     कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर  दीवान एस रावत ने कार्यभार संभालने के बाद विश्वविद्यालय के शैक्षणिक स्तर को और बेहतर करने के लिए कई पहल की हैं। उन्हीं में से एक पहल यहां के शिक्षकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रही वैज्ञानिक प्रगतियों से जोड़ना भी शामिल है। अतिथि व्याख्यान के दौरान डीएसबी परिसर की डीन साइंस प्रोफेसर चित्रा पांडे ने प्रोफेसर कनैको की अब तक की शोध और अकादमिक उपलब्धियों के बारे में उपस्थित लोगों को अवगत कराया।  कार्यक्रम का संचालन निदेशक विज़िटिंग प्रोफेसर निदेशालय प्रो. ललित तिवारी ने किया। कार्यक्रम ऑनलाइन मध्यम से संपन्न हुआ तथा 78 टीचर्स ,शोधार्थियों ,विद्यार्थी ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में प्रो सुषमा टम्टा,प्रो गीता तिवारी,डॉक्टर पैनी जोशी,डॉक्टर गिरीश खर्कवाल ,डॉक्टर ललित मोहन,डॉक्टर अंचल अनेजा आदि उपस्थित रहे ।

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