क्यों कहते हैं कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा ?

ख़बर शेयर करें

क्यों कहते हैं कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा?,,,,,,,,,,,,, इस बार सन् 2021 में 19 नवंबर 2021 दिन शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा है। कार्तिक पूर्णिमा में स्नान करने का शुभ मुहूर्त शुक्रवार दिनांक 19 नवंबर को ब्रह्म मुहूर्त से लेकर दोपहर 2:29 तक रहेगा। कार्तिक पूर्णिमा का आरंभ गुरुवार दिनांक 18 नवंबर दोपहर 11:58 से तथा तिथि समाप्त दिनांक 19 नवंबर शुक्रवार दोपहर 2:26 तक है । अत; पूर्णिमा का व्रत 18 नवंबर को ही होगा। इस दिन भरणी नक्षत्र 46 घड़ी 59 पल तक है। चंद्रमा की स्थिति दिन पूर्णरूपेण मेष राशि में होगी। इस दिन चंद्रोदय शाम 4:42 पर होगा तथा चंद्र अस्त अगले दिन प्रातः 6:23 में होगा। इस दिन वरयान नामक योग है जो अगले दिन प्रातः 2:57 तक रहेगा। कार्तिक पूर्णिमा व्रत कथा, ,,,,,, एक पौराणिक कथा के अनुसार एक तारकासुर नामक राक्षस था। उसके 3 पुत्र थे तारकाक्ष कमलाक्ष और विद्युन्माली । भगवान भोले शंकर के जेष्ठ पुत्र कार्तिकेय महाराज ने तारकासुर का वध किया था। अपने पिता की हत्या का समाचार सुन तीनों पुत्र अति क्रोधित हुए। तीनों ने मिलकर ब्रह्मा जी से वरदान मांगने के लिए घोर तपस्या की। ब्रह्मा जी तीनों की तपस्या से प्रसन्न हुए। और वरदान मांगने को कहा। तीनों ने ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान मांगा। परंतु ब्रह्माजी बोले यह असंभव है कोई दूसरा वर मांगने को कहा। तीनों ने सोचकर इस बार ब्रह्मा जी से तीन अलग-अलग नगरों का निर्माण करवाने को कहा जिसमें सभी बैठकर संपूर्ण पृथ्वी और आकाश में घुमा जा सके। और 1000 वर्ष बाद जब हम मिले और हम तीनों के नगर एक हो जाए और जो देवता तीनों नगरों को एक ही बार में नष्ट करने की क्षमता रखता हो वही हमारी मृत्यु का कारण हो। ब्रह्मा जी ने इन्हें यह वरदान दे दिया। तीनों वरदान पाकर अत्यधिक प्रसन्न हुए। ब्रह्मा जी के कहने पर मय दानव ने उनके लिए 3 नगरों का निर्माण किया तारकाक्ष के लिए सोने का कमलाक्षी के लिए चांदी का और विद्युन्माली के लिए लोहे का नगर बनाया गया । तीनों ने मिलकर तीनों लोकोंपर अपना अधिकार जमा लिया। इंद्र देवता इन तीनों राक्षसों से भयभीत हुए। और भगवान भोले शंकर की शरण में गए। इंद्र की बात सुनकर भगवान शंकर ने इन राक्षसों का नाश करने के लिए एक दिव्य रथ का निर्माण किया। इस दिव्य रथ का प्रत्येक भाग देवताओं से ही बना। सूर्य एवं चंद्रमा चंद्रमा रथ के पहिए इंद्र वरुण यम और कुबेर रथ के चार घोड़े बने पर्वतराज हिमालय धनुष बने। शेषनाग प्रत्यंचा बने। तथा भगवान भोले शंकर स्वयं बाण बने। बाण की नोक अग्निदेव बने। तथा इस दिव्य रथ पर स्वयं भगवान शिव सवार हुए। देवताओं से बने इस रथ और तीनों भाइयों के बीच भयंकर युद्ध हुआ। जैसे ही यह तीनों रथ एक सीध में आए भगवान शिव ने बाण छोड़ तीनों को नष्ट कर दिया। इसी वध के बाद भगवान शिव को त्रिपुरारी कहा जाने लगा।यह वध कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ इसलिए कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाने लगा। कार्तिक पूर्णिमा के दिन किसी सुयोग्य ब्राह्मण से भगवान विष्णु का सहस्त्रनाम पाठ संकल्प सहित विधि पूर्वक करवाने से मनचाहा वरदान प्राप्त होता है। सनातन धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व है। इस मास में दिवाली से लेकर प्रबोधिनी एकादशी तक कई बड़े त्यौहार पढ़ते हैं। विष्णु पुराण के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु ने पहला अवतार मत्स्य अवतार लिया था। प्रलय काल के दौरान वेदों की रक्षा की थी। भगवान विष्णु का अवतार कार्तिक पूर्णिमा के दिन होने से वैष्णव मत में इस पूर्णिमा का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु इस मास में मच्छी रूप में जल में विराजमान रहते हैं। और इस दिन मत्स्य अवतार त्याग कर वापस बैकुंठ धाम चले जाते हैं। इसके अतिरिक्त महाभारत युद्ध के बाद पांडव बहुत दुखी थे। उनके सगे संबंधियों की अ समय ही मृत्यु हो गई इससे उनकी आत्मा को शांति कैसे मिलेगी पांडवों के दुख को देखकर भगवान श्री कृष्ण ने पितरों की तृप्ति के उपाय बताए थे। इसउपाए में कार्तिक शुक्ल अष्टमी से पूर्णिमा तक की विधि शामिल थी। कार्तिक पूर्णिमा के दिन पांडवों ने पितरों की आत्मा तृप्त के लिए गढ़मुक्तेश्वर धाम में कार्तिक पूर्णिमा के दिन तर्पण एवं दीपदान किया था। इसके बाद ही गढ़मुक्तेश्वर धाम में कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान दान आदि की परंपरा चली आ रही है इन सब कथाओं के अतिरिक्त सिख धर्म के लिए भी कार्तिक पूर्णिमा का दिन विशेष महत्व रखता है। इस दिन सिख धर्म की स्थापना हुई थी। और इस धर्म के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी का जन्म भी हुआ था कार्तिक पूर्णिमा का दिन सिख धर्म में प्रकाश उत्सव के रूप में मनाया जाता है।

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

👉 वॉट्स्ऐप पर समाचार ग्रुप से जुड़ें

👉 फ़ेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज लाइक-फॉलो करें

👉 हमारे मोबाइल न० 7017197436 को अपने ग्रुप में जोड़ कर आप भी पा सकते है ताज़ा खबरों का लाभ

👉 विज्ञापन लगवाने के लिए संपर्क करें

Leave a Reply

Your email address will not be published.

You cannot copy content of this page