75 वे स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर ‘सेलिब्रेटिंग इंडिया @75 – मेकिंग ऑफ आत्मनिर्भर भारत ‘विषय पर वेबिनार् किया आयोजित

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75 वे स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर राजकीय महाविद्ालय भत्रोजखान अल्मोड़ा ने ‘सेलिब्रेटिंग इंडिया @75 – मेकिंग ऑफ आत्मनिर्भर भारत ‘विषय पर वेबिनार् आयोजित किया —विशिष्ट अतिथि एवम् मुख्य वक्ता प्रोफेसर रचना नौटियाल , अपर निदेशक , उत्तराखण्ड उच्च शिक्षा निदेशालय ने कहा नई शिक्षा नीति एक सशक्त माध्यम है आत्मनिर्भर भारत के निर्माण मे ।
आज दिनांक 15 अगस्त 2021 को राजकीय महाविदयालय भत्रोजखान अल्मोड़ा के तत्वाधान में आज़ादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत ‘सेलिब्रेटिंग इंडिया @75 – मेकिंग ऑफ आत्मनिर्भर भारत’ विषय पर एक दिवसीय राषट्रीय वेबिनार आयोजित किया गया।वेबीनार को सफल बनाने में प्राचार्य एवं संरक्षिका प्रो सीमा श्रीवास्तव ,प्रभारी प्राचार्य डॉ शैलेन्द्र सिंह , समन्वयक डॉ केतकी तारा कुमैया एवं आयोजन समिति के सदस्य डॉ रूपा यादव , डॉ रवीन्द्र ,डॉ पूनम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
वेबिनर की मुख्य अतिथि एवम् मुख्य वक्ता प्रोफेसर रचना नौटियाल , निदेशक , उत्तराखण्ड उच्च शिक्षा निदेशालय , नारी सशक्तिकरण का साक्षात् प्रमाण है और उत्तराखण्ड उच्च शिक्षा की एक महत्वपूर्ण स्तम्भ है और उच्च शिक्षा मे विभिन्न महत्वपूर्ण दायित्वनिर्वाह कर चुकी हैं। वे वर्तमान में अपर निदेशक ,उच्च शिक्षा निदेशालय ,उत्तराखण्ड में अपनी सेवाए दे रही है। इनका 36 वर्ष का अकादमिक अनुभव उच्च शिक्षा के लिए एक मील का पत्थर रहा है जहा इन्होंने उपनिदेशक उत्तराखण्ड उच्च शिक्षा परिषद , नोडल अधिकारी ऑनलाइन शिक्षा एवम् एजूसेट ,नोडल अधिकारी रूसा , डाईएटम विशेषज्ञ कई महत्वपूर्ण समितियों की अध्यक्ष एवम् कोर समिति सदस्य जैसे राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण भी रह चुकी है और अपनी अमूल्य सेवाओं के लिए सम्मानित भी की गई है।
अपने वक्तव्य में उन्होंने उच्च शिक्षा में गुड़वत्ता लाने पर ज़ोर दिया।उन्होंने नई शिक्षा नीति मे निहित आपार संभावनाओं को चिन्हित कर मानवीय संसाधन को बढ़ाने पर जोर दिया जो की आत्मनिर्भर भारत बनाने में एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है । उन्होंने सक्षम भारत को साकार बनाने में ऑनलाइन लेर्निंग , स्वयं प्रोग्राम , मूक कोर्स इत्यादि को भी क्रांतिकारी बतलाया।
इसी के साथ इस ई- संगोष्ठी के दूसरे वक्ता श्री डॉ शैलेन्द्र कुमार सिंह ने वोकल फोर लोकल पर ज़ोर दिया जिसके अंतर्गत एक स्वावलंबी एवम् स्वाभिमानी भारत का निर्माण किया जा सकता है । साथ ही उन्होंने ज्ञान के वैश्वीकरण या ग्लोबलाइजेशन ऑफ़ नॉलेज को भी एक सशक्त माध्यम माना एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण मे।
प्रतिभागियों में डॉ एच अस भाकुनी , स्मिता राय, शाश्वत मनापुराम ,संदीप सैनी, मिथुन रंजन दे,गुलनाज चौधरी , खुशबू मिश्रा ,संजय कुमार, सबीना अख्तर ,अमन गुप्ता सहित कई शोधार्थियों एवं प्रतिभागियों ने देश भर के विभिन्न क्षेत्रों से शिरकत करी जिसमे 194 प्रतिभागियों पंजीकृत थे।
वेबिनार का सफल संचालन समन्वयक एवम् प्रभारी डॉ केतकी तारा कुमैयान द्वारा किया गया और समापन डॉ रूपा यादव द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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