राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने रूड़की में यूनिवर्सिटी आॅफ इजीनियरिंग एंड टैक्नोलाॅजी रूड़की एवं कोर मेडिकल काॅलेज के कार्यक्रम का किया शुभारंभ
राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने रविवार को रूड़की में यूनिवर्सिटी आॅफ इजीनियरिंग एंड टैक्नोलाॅजी रूड़की एवं कोर मेडिकल काॅलेज के कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि तकनीकी और मेडिकल दोनों ही विषय वर्तमान परिदृश्य में महत्वपूर्ण आवश्यकता के रूप में सामने आये हैं। इससे इंकार नहीं किया जा सकता है कि तकनीकी और चिकित्सा दोनों हमारी मूल आवश्यकता बन गये हैं।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि देश और समाज के उत्थान में शिक्षण संस्थाओं व विश्वविद्यालयों की अहम भूमिका होती है, इसलिए यहाँ के वातावरण निर्माण में सकारात्मक, रचनात्मक ऊर्जा का संचार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विवि और मेडिकल संस्थान की स्थापना से अध्ययन करने वाले छात्रों को उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर करते हुए देश की उन्नति में योगदान का एक अवसर मिलता है। तकनीकी और चिकित्सा संस्थानों की संख्या में वृद्धि होने से छात्रों के लिए अवसर बढ़ेंगे, किन्तु तकनीकी और मेडिकल संस्थानों की उच्च गुणवत्ता युक्त शिक्षण प्रणाली स्थापित करना भी हम सभी का दायित्व है।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि समस्त कोर टीम तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में पिछले काफी समय से सक्रिय है। कहाँँ बेहतर प्रयास किये जाने की आवश्यकता है, इसका अनुभव भी कार्यक्षेत्र में रहते हुए अवश्य प्राप्त हुआ होगा। आपके अनुभवों का लाभ तकनीकी और चिकित्सा के छात्रों को मिलेगा। उच्च गुणवत्ता युक्त शिक्षा छात्र प्राप्त कर सकेगें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि उत्तराखण्ड राज्य के छात्रों को गुणवत्तायुक्त और सुलभ शिक्षा उपलब्ध कराने में संस्थान अग्रणी भूमिका निभायेगा।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने नयी शिक्षा नीति पर चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षा को बाजारीकरण से दूर करने की आवश्यकता है। यह नयी शिक्षा नीति 2020 के सिद्धांतों से पता चलता है। पुरानी शिक्षा नीति में कुछ सुधार आवश्यक थे, जिनका पालन शिक्षा के क्षेत्र में अति आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि हम सभी ने कोरोना महामारी के दौरान अनुभव भी किया कि भविष्य की चुनौतियों से लड़ने के लिए शिक्षा और तकनीकी के क्षेत्र में दक्ष विशेषज्ञों की जरूरत है। देश और समाज के विकास को बाधा पहुंचाने वाली ताकतों से आगे निकलने के लिए तकनीकी और शिक्षा सबसे सशक्त माध्यम है।
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना संकट का दुष्प्रभाव शिक्षा और शिक्षण संस्थानों पर भी पड़ा है यह हम सभी जानते हैं, ऐसे में तकनीकी विशेषज्ञों का दायित्व और अधिक बढ़ गया है। इस पर नित अनुसंधान करें कि वह देश हित में, आपदा काल में भी शिक्षा को किस प्रकार गुणवत्ता युक्त बनाये रखने में अपना योगदान दे सकते हैं। कोई भी आपदा या बाधा देश के विकास को प्रभावित न कर सके हमें ऐसी योजनाओं के साथ कार्य क्षेत्रों का संचालन करना है।
राज्यपाल ने तकनीकी के छात्रों से कहा कि आप तकनीकी के साथ चलते रहें किन्तु मानवीय दृष्टिकोण को सदैव जीवन में बनाये रखें।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े डाॅक्टर व छात्रों को कोरोना की तीसरी लहर के लिए पिछले अनुभवों के आधार पर बेहतर तैयारी करनी चाहिए।
उन्होंने पर्यटन स्थलों पर बढ़ रही अनियंत्रित भीड़ को रोकने तथा लोगों में कोरोना नियमों के प्रति और अधिक जन जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता बतायी।
श्रीमती मौर्य ने उत्तराखंड के लोक पर्व हरेला पर अधिक से अधिक संख्या में पौधारोपण करने का आह्वान किया। उन्होंने छोटे बच्चों को वृक्षारोपण के प्रति प्रेरित करने और वृक्षों का संवर्धन के संस्कार विकसित करने की बात कही।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उच्च शिक्षा मंत्री श्री धन सिंह रावत, मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, श्री जे.सी.जैन सहित सभी अतिथिगण, शिक्षकगण व छात्र उपस्थित रहे।