एचसीएल ग्रांट के 16.5 करोड़ रुपये के संस्करण 8 के लिए, ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करने की अंतिम तिथि 18 जून

ख़बर शेयर करें

देहरादून- पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) इस प्रतिष्ठित अनुदान के लिए एचसीएल ग्रांट पोर्टल एचसीएल ग्रांट होमपेज एचसीएल फाउंडेशन पर आवेदन कर सकते हैं ।

एचसीएल ग्रांट ने ग्रामीण भारत में बदलाव लाने वाले गैर सरकारी संगठनों को मान्यता देने के लिए संस्करण 8 की घोषणा की है। आवेदन पोर्टल अब लाइव है, और ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करने की अंतिम तिथि 18 जून, 2022 है।

2015 में शुरू हुआ, एचसीएल ग्रांट एचसीएल फाउंडेशन, एचसीएल टेक्नोलॉजीज की सीएसआर इकाई के माध्यम से एक निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) प्रतिबद्धता है, ताकि गैर सरकारी संगठनों को मजबूत और सशक्त बनाते हुए उनके साथ जुड़ सकें और उन्हें उनकी उल्लेखनीय कार्यों के लिए मान्यता दी जा सके। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए एचसीएल फाउंडेशन ने अब एचसीएल ग्रांट के आठवें संस्करण की घोषणा की है।

एचसीएल ग्रांट पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा श्रेणी में प्रत्येक विजेता एनजीओ (गैर सरकारी संगठन) को तीन साल की परियोजना के लिए 5 करोड़ रुपये का अनुदान देता है। एचसीएल ग्रांट फाइनल सूची में जगह बनाने वाले अन्य संगठनों को भी पुरस्कृत करता है, जो अच्छा काम कर रहे हैं। इसलिए, प्रत्येक श्रेणी में शामिल दो अन्य फाइनलिस्ट को साल भर की अवधि वाली परियोजना के लिए 25 लाख रुपये का अनुदान मिलता है। ये वह परियोजनाएं होती हैं जिस पर अंतिम जूरी बैठक के बाद एचसीएल फाउंडेशन और एनजीओ पारस्परिक रूप से सहमत होते हैं।

इस वर्ष के लिए एचसीएल अनुदान के लिए आवेदन पोर्टल लाइव हो चुका है। इस वर्ष के अनुदान के लिए आवेदन करने के इच्छुक गैर सरकारी संगठन इस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन पत्र भर सकते हैं, जिसमें संगठनात्मक जानकारी, परियोजना सार और कुछ अनिवार्य दस्तावेज शामिल हैं।

एचसीएल ग्रांट ग्रामीण भारत में परियोजनाओं को लागू करने के अनुभव के साथ पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा में काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों के लिए है। पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले नवोन्मेषी, अनुकरणीय और स्थायी मॉडल वाले संगठन इस अनुदान की पात्रता रखते हैं।

आवेदक एचसीएल ग्रांट पोर्टल के माध्यम से एचसीएल ग्रांट की आधिकारिक वेबसाइट https://www.hclfoundation.org/user/hcl-grant/register पर अपना आवेदन ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। आवेदन करते समय किसी तरह के शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा। एचसीएल ग्रांट की ओर से कोई भी व्यक्ति, थर्ड पार्टी, कंपनी, एजेंसी या संगठन आवेदन को स्वीकार करने के लिए अधिकृत नहीं है और न ही कोई आवेदन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए किसी तरह का आर्थिक लाभ लेने के लिए अधिकृत है।

एचसीएल ग्रांट, एचसीएल फाउंडेशन की एक पहल है, जो एचसीएल टेक्नोलॉजीज की परोपकारी शाखा और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले ’द फिफ्थ एस्टेट’ को मान्यता देने की दिशा में एक कदम है। इसकी शुरुआत 2015 में हुई और यह एचसीएल की तरफ से शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के क्षेत्रों में परिवर्तन को मजबूत करने के लिए हाशिए पर मौजूद व अलग-थलग और अविकसित ग्रामीण समुदायों तक पहुंचने और स्थायी सामाजिक-आर्थिक विकास को प्राप्त करने की दिशा में जारी प्रतिबद्धता है। एचसीएल अनुदान का एक अनूठा पहलू यह है कि संगठनों को ’विचार’ और विचारों को कार्यान्वयन योग्य परियोजनाओं में बदलने की उनकी शक्ति के आधार पर मान्यता दी जाती है और इस तरह भारतीय गांवों को स्थायी रूप से बदलने में मदद मिलती है।

एचसीएल फाउंडेशन की डायरेक्टर सुश्री निधि पुंडीर ने कहा, “एचसीएल ग्रांट की मेजबानी करने का हमारा उद्देश्य अनोखे गैर सरकारी संगठनों को उनके विचारों को वास्तविकता में बदलने और इस तरह समुदायों को बदलने की शक्ति के तौर पर पहचानना है। पहले भी पांचवें एस्टेट की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है। एनजीओ इस अंतर को कम कर रहे हैं और समुदायों को आवश्यक संसाधनों तक पहुंच प्राप्त करने में मदद कर रहे हैं और शिक्षा, पर्यावरण और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनके द्वारा किए जा रहे असाधारण कार्यों को उजागर करते हैं, जिससे लोगों के जीवन में बदलाव आता है।

पुरस्कार राशि के अलावा, एचसीएल ग्रांट सालाना एक संग्रह भी जारी करता है जिसमें विजेताओं और 30 (प्रत्येक श्रेणी से 10) अन्य चुने गए एनजीओ के काम शामिल होते हैं। यह गैर सरकारी संगठनों के बहुमूल्य योगदान को स्वीकार करने और नागरिक समाज में मजबूत शासन के मूल्य को फिर से स्थापित करने और ग्रामीण विकास क्षेत्र में पथप्रदर्शक कार्य करने वाले भारतीय गैर सरकारी संगठनों को अंतरराष्ट्रीय दृश्यता प्रदान करने की दिशा में एक कदम है।”

You cannot copy content of this page