कुमाऊं विश्वविद्यालय के निदेशक विजिटिंग प्रोफेसर ललित तिवारी ने फैकल्टी डेवलपमेंट प्रशिक्षण में जैव विविधता एवं संरक्षण पर दिया ऑनलाइन व्याख्यान

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कुमाऊं विश्वविद्यालय के निदेशक विजिटिंग प्रोफेसर निदेशालय ललित तिवारी ने आज मदन मोहन मालवीय ट्रेनिंग संस्थान कुमाऊं विश्वविद्यालय में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रशिक्षण में जैव विविधता एवं संरक्षण पर ऑनलाइन व्याख्यान दिया । प्रो.तिवारी ने कहा की मानव भी जैव विविधता का एक भाग है । प्रो. तिवारी ने कहा की जैव विविधता जीवन है तथा जैव विविधता हमारा जीवन है जिसके हम आतंरिक भाग है । 2024 की थीम बी पार्ट ऑफ़ द प्लान है जिससे कुनमिंग मांट्रियल ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेम वर्क को लागू करना है । जैव विविधता जेनेटिक , स्पेसीज तथा इकोसिस्टम के साथ अल्फा , बीटा, गामा प्रकार की होती है । पूरे विश्व को जहा जैव विविधता ऑक्सीजन एवम भोजन देते है वही 11 प्रतिशत विश्व की अlर्थिकी जैव विविधता पर निर्भर है।भारत विश्व के 12 देशों में शामिल है जिसे मेगा डायवर्सिटी कंट्री कहते है जँहा 16 प्रकार के वन मिलते है ।प्रो. तिवारी ने कहा की हिंदू कुश पर्वत से निकलने वाली दस बड़ी नदिया 3 बिलियन लोगो को भोजन तथा ऊर्जा देते है ।वर्तमान चुनौती जलवायु परिवर्तन तथा ग्लोबल वार्मिंग है जिससे प्रजातियां प्रभावित हो रही है। 22 हजार से ज्यादा प्रजातियां संकटग्रस्त हो गई है । प्रो. तिवारी ने कहा की यह सबकी जिम्मेदारी है की हम संरक्षण की तरफ कदम बढ़ाए तथा पर्यावरण संरक्षण में अपनी जिम्मदारियो का निर्वहन करना जरूरी है। प्रो. तिवारी ने कहा की हम पर्यावरण को संरक्षित ना करे बल्कि हमे ऐसा पर्यावरण बनाना है जहा पर्यावरण के लिए संरक्षण शब्द ही न हो । इस दौरान 57 प्रतिभागी उपस्थित रहे ।

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