भविष्य में विकास की संभावनाओं के लिए इनोवेशन और बौद्धिक संपदा का सृजन है बेहद महत्वपूर्ण – कुलपति प्रो० एन०के० जोशी

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कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल द्वारा बुधवार को इनोवेशन एंड इन्क्यूवेशन सेंटर द्वारा एन्त्रेप्रेंयूर्शिप एंड इनोवेशन एज करियर अपॉर्चुनिटी विषय पर ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन कुलपति प्रो० एनके जोशी द्वारा किया गया।

कुलपति प्रो० एनके जोशी ने कहा कि भारत में भविष्य में विकास की संभावनाओं के लिए इनोवेशन और बौद्धिक संपदा (intellectual property) का सृजन बेहद महत्वपूर्ण है। विद्यार्थियों को इस तरह व्यवसायों की नींव रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, जो टिकाऊ हों और भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में लंबे समय तक सहयोग कर सकें, ताकि देश आत्मनिर्भर हो। हमें नए स्टार्टअप्स और ऐसे व्यवसायों को सक्षम बनाने के लिए आगे आना चाहिए जो ‘लोकल’ यानी स्थानीयता को महत्व देते हैं, लेकिन समृद्ध रूप से वैश्विक प्रभाव बनाने की क्षमता रखते हैं। कुलपति प्रो० जोशी ने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ों में कृषि, बागवानी व पुष्प उत्पादन में अत्यधिक संभावनाएं हैं जिनसे यहां की आर्थिक और रोजगार संबंधित समस्याएं दूर की जा सकती है। उन्होंने विद्यार्थियों का आहवान किया कि वो सकारात्मक विचारों के साथ स्टार्टअप प्रारंभ कर सकते हैं जिसके रजिस्ट्रेशन व पेटेंट के लिए धनराशि विवि की ओर से वहन की जाएगी।

मुख्य वक्ता पंजाब विवि के प्रो० मनु शर्मा ने कहा कि शिक्षक अपने छात्रों में सकारात्मक विचार ला सकते है; समाज की चुनौतियों को शोध व नवाचार से दूर किया जा सकता है; हमे नवाचार की सख्त आवश्यकता है। प्रो० मनु शर्मा ने र्स्टाटअप प्रपोजल की भी जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में प्रश्न संवाद सेशन भी आयोजित किया गया। जिसमें हर्ष चौहान, हर्ष तिवारी व डॉ० केतकी तारा द्वारा प्रश्न पूछे गए।

कार्यक्रम के आरम्भ में इनोवेशन एंड इन्क्यूवेशन सेंटर की निदेशक डॉ सुषमा टम्टा ने सभी का स्वागत किया एवं सेंटर की गतिविधियों के सन्दर्भ में सभी अतिथियों एवं विद्यार्थियों को अवगत कराया गया। उन्होंने कहा कि इनोवेशन एंड इन्क्यूवेशन सेंटर छात्रों को अपने शैक्षणिक सपनों को पूरा करने और जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में स्वतंत्र सोच विकसित करने के लिए एक अभिनव मंच प्रदान करता है।

कार्यक्रम का संचालन प्रो० ललित तिवारी ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ० हर्ष चौहान द्वारा किया गया। कार्यशाला में 176 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला के आयोजन में कुलसचिव डॉ दिनेश चंद्रा, डॉ० नीलू लोधियाल, डॉ० एम०सी० आर्य, डॉ० नंदन सिंह, डॉ० महेंद्र राणा, डॉ० सारिका जोशी, डॉ० प्रशस्ति जोशी, डॉ० नीता बोरा शर्मा, प्रो० एल०एस० लोधियाल, डॉ० बी०एस कालाकोटी आदि ने सहयोग एवं प्रतिभाग किया।

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