पीएनबी ने अपने संस्थापक जनक लाला लाजपत राय की 156 वीं जयंती मनाई

ख़बर शेयर करें

देहरादून – देश के सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख अग्रणी बैंक, पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) ने अपने संस्थापक जनक स्व० लाला लाजपत राय की 156 वीं जयंती नई दिल्ली में अपने मुख्यालय में मनाई। श्री सीएच.एस.एस.मल्लिकार्जुन राव, एमडी एवं सीईओ ने, ईडी, सीवीओ, वरिष्ठ अधिकारियों और स्टाफ सदस्यों के साथ माला पहनाकर श्री लाला लाजपत राय को श्रद्धांजलि दी। एमडी एवं सीईओ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, श्री योगी आदित्यनाथ से 24.01.21 को प्रतिष्ठित रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार प्राप्त करने के लिए सुश्री आकांक्षा चैधरी, स्टाफ सदस्य और एक प्रसिद्ध पैरा शूटर को भी सम्मानित किया। यह पुरस्कार राज्य के प्रसिद्ध खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की एक विशेष योजना है।

लालाजी को प्यार से ’शेर ए पंजाब’ या ष्पंजाब केसरीष् के रूप में याद किया जाता है, जो अपने शुरुआती वर्षों में बैंक के प्रबंधन से सक्रिय रूप से जुड़े थे। उनके नेतृत्व में, पीएनबी पूरी तरह से भारतीय पूँजी पर परिचालन शुरू करने वाला पहला श्स्वदेशीश् बैंक बन गया – जो आज तक एक प्रभावशाली साख है। संस्थापक बोर्ड पूरे भारत से तैयार किया गया था, जिसमें देश के आर्थिक हित को आगे बढ़ाने के लिए वास्तव में राष्ट्रीय बैंक की स्थापना के सामान्य उद्देश्य के साथ विभिन्न विचारधाराओं का समावेश था।

पीएनबी का जन्म 19 मई, 1894 को हुआ था। बैंक ने लाहौर में 12 अप्रैल 1895 को परिचालन शुरू किया और लाला लाजपत राय बैंक में खाता खोलने वाले पहले व्यक्ति थे। भारत में अनिवार्य होने से बहुत पहले, बैंक ने हमेशा की तरह अग्रणी रहते हुए 1895 में लेखापरीक्षक नियुक्त करके स्वयं को प्रतिष्ठित किया था। इसने 1944 में ष्टेलरष् प्रणाली भी शुरू की। 2008-09 के दौरान, बैंक ने सभी शाखाओं ध् विस्तार काउंटरों को कोर बैंकिंग समाधान (सीबीएस) में लाने वाला सबसे बड़ा राष्ट्रीयकृत बैंक बनने का लक्ष्य प्राप्त किया ।

आज, पीएनबी तत्कालीन ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और तत्कालीन यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के साथ समामेलन के बाद अग्रणी बैंक बन गया है। बैंक ने रिकॉर्ड समय में सभी शाखाओं के आईटी एकीकरण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। बैंक की 10,900 से अधिक शाखाओं, 1 लाख कर्मचारियों और 18 करोड़ से अधिक ग्राहकों के साथ अखिल भारतीय उपस्थिति है।

You cannot copy content of this page