हमारीे देवभूमि उत्तराखंड पर एक झलक
गर्व होना चाहिए हमें हमारीे देवभूमि उत्तराखंड में बसे शहर नैनीताल पर फिल्म जगत ने तो यहाँ धूम मचा दी यहाँ के पवित्र मन्दिर गुरूद्वारा चर्च मस्जिद हमें सभी धर्मों का आदर करना ही नहीं अपितु आपसी भाईचारे से रहने की सीख भी देते हैं, माँ नन्दा सुनन्दा के वरदान और कृपा से कोई भी व्यक्ति इस शहर और शहर से जुड़े आसपास के के गाँव में बसे हुए कभी भूखे प्यासे नहीं रहते और सर्वाधिक सुख और आनंद से रहते हैं, यहाँ आदि काल से ही जो ऋषि मुनि या मनुष्य आये सुख शांति और आनंद पूर्वक रहे, स्कन्द पुराण के मानस खंड के अनुसार सर्व प्रथम अगस्त्य पुलस्त्य एवं वैश्वपायन नामक तीन ऋषि जब कैलास मानसरोवर यात्रा को गमन कर रहे थे तभी उनहें अत्यंत प्यास लगी थी अत: उनहोंने अपनी प्यास बुझाने के लिए अपने मंत्र शक्ति का प्रयोग कर इस सरोवर का निर्माण किया, इसलिए नैनीताल का प्राचीन नाम त्रि ऋषि सरोवर भी है, यहाँ धर्म और आस्था का केन्द्र माँ नन्दादेवी मन्दिर है, पुराणों के अनुसार देवी के इक्यावन शक्ति पीठों में से एक है, कहा जाता है कि भगवान शिव दक्ष प्रजापति के कारण क्रोधित हुए थे उनके द्वारा सती के जो इक्यावन अंग अलग अलग जगहों पर गिरे वहाँ शक्ति पीठ बन गये, कहा जाता है कि यहाँ सती का एक नेत्र गिरा, दूसरा नेत्र हिमाचल में गिरा वहाँ भी नयना देवी मंदिर है, नयना का अर्थ नेत्र या आंख है, इस विश्व प्रसिद्ध शहर को सरोवर नगरी भी कहते हैं, अंग्रेज तो इसे छोटी विलायत कहा करते थे, इसके अलावा हमारे देश की फिल्म भी यहाँ फिल्माये गये हैं।