आध्यात्मिक

मानव का प्रकृति के साथ हैं अविच्छिन्न संबंध

मानव का प्रकृति के साथ अविच्छिन्न संबंध है। प्राकृतिक नियमों के साथ समन्वय बनाए रखना मानव को आवश्यक है।। स्वास्थ्य...

केदारनाथ में बनने वाले म्यूजियम में संजो कर रखी जाएगी उत्तराखंड की संस्कृति

देहरादून। भारत सरकार के संस्कृति विभाग के नेतृत्व में श्री केदारनाथ धाम में बनाए जाने वाले म्यूजियम में उत्तराखंड की संस्कृति को संजो कर रखा जाएगा। जिसमें मुख्य रूप से प्राचीन शिव मूर्तियों व चित्रों को शामिल किया जाएगा। बुधवार को सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में केदारनाथ धाम में होने वाले विभिन्न विकास कार्यों के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। जिसके तहत अस्पताल, अतिथि गृह, पुलिस स्टेशन व अन्य निर्माण कार्योँ के लिए 8 भवनों का ध्वस्तीकरण किया जाएगा। साल 2013 में आई आपदा से हुई क्षति से उभरने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से केंद्र सरकार के मार्गदर्शन में श्री केदारनाथ मास्टर प्लान के अंतर्गत विभिन्न निर्माण व पुनिर्माण कार्य किए जाने हैं। पर्यटन सचिव श्री दिलीप जावलकर ने बताया कि श्री केदारनाथ धाम में प्राचीन मूर्तियों का ओपन म्यूजियम बनाया जाएगा। जिसका कार्य भारत सरकार के संस्कृति विभाग के नेतृत्व में पूरा किया जाएगा। साथ ही तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरस्वती एवं मंदाकिनी नदी के संगम का अत्याधुनिक तरीके से पूर्ननिर्माण किया जाएगा। इसके अलावा श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दी जाए। इसके लिए धाम के पास अस्पताल भी तैयार किया जाएगा, जो अत्याधुनिक तकनीक और विभिन्न प्रकार की सुविधाओं से लैस होगा। इसके साथ ही धाम के आसपास एक अतिथि गृह, पुलिस स्टेशन और कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी तैयार किया जाएगा। केदारनाथ धाम में होने वाले विकास कार्यों के लिए जीएमवीएन और प्रशासनिक भवन में आने वाले 8 भवनों का ध्वस्तीकरण किया जाएगा। धाम में मलवा निस्तारण के लिए लोक निर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था का जिम्मा सौंपा गया है, जो करीब 33.25 लाख रुपये की लागत से कार्य पूरा करेगी। केदारनाथ धाम में बने जीएमवीएन और प्रशासनिक भवन वर्तमान में चालू हालत में हैं। जिसमें से 4 भवनों में प्रत्येक भवन में 5 कक्ष कुल 20 कक्ष हैं। जो यात्राकाल में जिला प्रशासन द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों के लिए शासकीय कार्य के लिए उपयोग में लाए जाते हैं। अन्य 4 भवन हालनुमा कक्ष के रूप में निर्मित हैं। जिनका उपयोग वर्तमान में लाया जा रहा है। इन सभी भवनों का करीब 77.00 लाख रुपये की लागत से ध्वस्तीकरण किया जाएगा। जिनके स्थान में करीब 5462 लाख रुपये की लागत से धाम में अन्य भवनों का निर्माण कार्य किए जाएंगे। पर्यटन सचिव श्री दिलीप जावलकर ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से केदारनाथ धाम बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें होने वाले विकास कार्य पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अहम योगदान देंगे।

जेष्ठ कृष्ण पक्ष अमावस्या को शनि देव की जयंती का महत्व

शनि जयंती पर विशेष जेष्ठ कृष्ण पक्ष अमावस्या को शनि देव की जयंती मनाई जाती है शनि देव भगवान सूर्य...

हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत महिलाओं के लिए रखता है विशेष महत्व

वट सावित्री व्रत पर विशेष,,, वटस्य मूले शुद्धासने कृतनित्यक्रिया उपविश्य कलशं संस्थाप्य तत्र देवान सम्पूज्य,तत: पंच देवता: विष्णुंच सम्पूज्य कुशत्रयतिल...

ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी तिथि अपरा एकादशी व्रत का महत्त्व

अपरा एकादशी व्रत,, अपरा या अचला एकादशी व्रत प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि के दिन मनाया जाता है,...

पीपल के वृक्ष चारधाम सड़क परियोजना की चढ़ चुके हैं भेंट

पीपल के वृक्ष चारधाम सड़क परियोजना की भेंट चढ़ चुके हैं।डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोलासनातन धर्म में पीपल को वृक्षों का...

प्रकृति के आठ रूप संसार को करते हैं, आरोग्य प्रदान

प्रकृति के आठ रूप संसार को आरोग्य प्रदान करते हैं,, जो प्राणी प्रकृति में रहता है उसे प्रकृति आठ रूप...

आशीष दुम्का होंगे उत्तराखंड ग्वालसेवा युवाशक्ति के प्रदेश अध्यक्ष

नैनीताल उत्तराखंड ग्वाल सेवा संगठन के संस्थापक अधिवक्ता पंकज कुलौरा द्वारा संगठन को गति देते हुए उत्तराखंड में युवाओं को...

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