भूमि डूब क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले परिवारों को इन तीन श्रेणियों में जायेगा बांटा और किसको विस्थापित की श्रेणी में किया जाएगा शामिल, आइये जानते हैं ?

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नैनीताल- जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल के निर्देशों के क्रम में अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी की अध्यक्षता में जमरानी बांध परियोजना से प्रभावित परिवारों की आपत्तियों पर सुनवाई हेतु जिलाधिकारी कैम्प कार्यालय, हल्द्वानी में बैठक का आयोजन किया गया।
श्री जोशी ने कहा कि भू-अर्जन अधिनियम 2013 की धारा-11 के तहत ऐसे परिवारों, जिनकी भूमि डूब क्षेत्र के अन्तर्गत आती है उन्हें तीन श्रेणियों में बांटा जायेगा। जिसमें प्रथम श्रेणी में 50 प्रतिशत जमीन व मकान का हिस्सा या जमीन आ रही हो द्वितीय श्रेणी में जिनका 50 प्रतिशत से कम जमीन आ रही हो व गांव में निवास नही कर रहें हो व तृतीय श्रेणी में जिनके बच्चों की उम्र 18 वर्ष से ऊपर हो उन्हें शामिल किया जायेगा। अपर जिलाधिकारी ने बताया कि जिन लोगों ने जमरानी क्षेत्र में जमीन 24 दिसम्बर 2021 से पहले ले ली हो तथा रजिस्ट्री हो चुकी हो साथ ही दाखिल खारिज 24 दिसम्बर 2021 के बाद किया गया हो वे भी विस्थापित की श्रेणी में शामिल किये जायेगे। उन्होंने कहा कि अगर 24 दिसम्बर 2021 के बाद जमीन विक्रय की गई हो तो डूब क्षेत्र में नही आयेगें। अपर जिलाधिकारी ने जमरानी बांध परियोजन प्रबन्धक को निर्देश दिए कि जमरानी डूब क्षेत्र में आने वाले ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की समस्याओं के निराकरण हेतु 15 दिन के भीतर लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस जमरानी में कार्यालय खोलना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा धारा 16 की कार्यवाही दिसम्बर तक पूर्ण करने के निर्देश दिये।
बैठक में जमरानी बाध परियोजना अधिशासी अभियंता बीपी पाण्डे, ललित कुमार के साथ जमरानी बाध डूब क्षेत्र ग्रामीण विकास समिति के अध्यक्ष पान सिंह सम्मल, संरपंच गुमान सिंह, जीवन सिंह, चन्द्रशेखर काण्डपाल, ललित मोहन बेलवाल आदि ग्रामीणवासी उपस्थित थे।

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