रिसर्च सोसाइटी फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया (RSSDI) द्वारा डाइविटीज (मधुमेह) के सम्बन्ध में दो दिवसीय सेमिनार का हुआ आयोजन, देखिये वीडियो

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भीमताल- भीमताल के समीप नौकुचियाताल में रिसर्च सोसाइटी फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया (RSSDI) संस्था द्वारा डाइविटीज (मधुमेह) के सम्बन्ध में दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन हुआ। इस आयोजन के संयोजक ख्यातिलब्ध फीजिशयन डॉ नीलाम्बर भट्ट थे। इस सेमिनार में देश के विभिन्न प्रान्तों के वरिष्ठ फीजिशन एवं डाइविटीज विशेषज्ञ शामिल हुए जिन्होंने डाइविटीज नियंत्रण के सम्बन्ध में गहन विचार विमर्श किया। दूसरे दिन के सत्र का शुभारम्भ निदेशक डॉ मीनू एम्स ऋषिकेश एवं डॉ नीलाम्बर भट्ट द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस अवसर पर सोसइटी द्वारा प्रकाशित पुस्तिका प्रिंसिपल एवं प्रैक्टिस ऑफ क्लीनिक डाइविटीज का विमोचन  भी किया गया। पत्रिका का सम्पादन डॉ रविकांत, डॉ नीलाम्बर भट्ट, डॉ संजय साह एवं दीपक रस्तोगी ने किया। अपने सम्बोधन में निदेशक एम्स डॉ मीनू ने कहा कि संतुलित जीवन शैली से हम डाइविटीज को रोकने के साथ ही इसके दुष्प्रभावों को रोक सकते हैं। डॉ भट्ट ने कहा कि व्यायाम योगा एवं तनाव रहित जीवन शैली भी डाइविटीज को रोकने के लिए आवश्यक है। मुधमेह में दवाओं द्वारा शुगर कम होने के कारणों पर डॉ विमल उप्रेती ने प्रकाश डाला। डॉ अमित रस्तोगी ने वृ़द्वावस्था में शुगर का उपचार और इससे होने वाली हानियों पर चर्चा की। इस सेमिनार में डॉ आरए केडिया, डॉ मोहन तिवारी, डॉ केसी लोहनी, राष्ट्रीय अध्यक्ष वृजमोहन मक्कड़, डॉ मनोज, डॉ केसी शर्मा, डॉ डीसी पंत, डॉ सीएस जोशी, डॉ त्रिलोचन सिंह, डॉ अरूण कपूर, डॉ देवाशीष गुप्ता, डॉ पीसी फुलेरिया के अलावा डॉ एचडी जोशी, डॉ हरीश बसेड़ा, डॉ जेएस भंडारी, डॉ प्रकाश पंत, डॉ रमन दीप सिंह, डॉ मनमीत कौर, डॉ अमर पाल सिंह, डॉ पंकज गुप्ता, डॉ शंकर दत्त जोशी, प्रो0 आलोक कुमार, डॉ नम्रता, डॉ वीसी जोशी, डॉ पारिपोष जोशी, डॉ मंदीप सिंह, डॉ दीपक रस्तोगी, डॉ संजय साह, डॉ विपिन मेहरा आदि मौजूद थे।

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