कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एन0 के0 जोशी ने लिग्यूम एवं थीसिल फ्लोरा आफ कुमाऊँ, वेस्र्टन हिमालया, इण्डिया पुस्तक का किया विमोचन

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कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एन0 के0 जोशी ने आज कुलपति कार्यालय में लिग्यूम एवं थीसिल फ्लोरा आफ कुमाऊँ, वेस्र्टन हिमालया, इण्डिया पुस्तक का विमोचन किया।पुस्तक का आमुख प्रो. एन.के.जोशी कुलपति कुमाऊं विश्वविद्यालय तथा प्रो.प्रदीप जोशी अध्यक्ष संघ लोक सेवा आयोग भारत सरकार द्वारा लिखा गया। इस अवसर प्रो. एन के जोशी ने लेखकों को बधाई एवम शुभकामनाये दी और कहा कि पुस्तक शिक्षक और विद्यार्थियों की सबसे अच्छी मित्र होती है इसकी मित्रता से जीवन में सफलता मिलती है,और नैतिक मूल्यों का विकास होता हैl प्रस्तुत फ्लोरा पुस्तक में कुमाऊँ की 522 प्रजातियों फेबेसी, सीजलपिनेसी, माइमोजेसी एवं एसटरेसी कुल का वर्णन किया गया है। कोर्बेटी प्रेस नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित पुस्तक में 268 पृष्ठ तथा अधिकांश प्रजातियों की फोटो एवं स्केच चित्र दिये गये है। फेबेसी कुल की 206 प्रजातियाँ, एसटरेसी कुल की 265 प्रजातियाँ इस पुस्तक में शामिल है। यह पुस्तक शोधार्थियों, प्रकृतिदर्शियों, विद्यार्थियों तथा संरक्षण वादियो के लिए महत्वपूर्ण है। प्रस्तुत पुस्तक के संपादक आर0ए0आर0ई0 (सी0सी0आर0ए0एस0) के पूर्व प्रभारी डा0 गिरीश चन्द्र जोशी, स्व0 प्रोफसर यशपाल सिंह पाॅगती, डा0 नवीन चन्द्र पाण्डे, यूसैक देहरादून के वैज्ञानिक डा0 गजेन्द्र सिंह एवं प्रो. ललित तिवारी है। इस पुस्तक का आमुख लोक सेवा आयोग दिल्ली के अध्यक्ष प्रो. प्रदीप कुमार जोशी तथा कुलपति कुमाऊँ विश्वविद्यालय प्रो.एन0 के0 जोशी द्वारा लिखा गया है। लेगूमीनेसी कुल महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे भोजन, चारा, दालें, औषधि, टिम्बर, फाइबर, फैटी तेल, रंजक, गम, रैजीन प्राप्त होता है तथा विश्व में इस कुल की 1200 प्रजातियाँ मिलती है तो नाइट्रोजन स्थिरीकरण का कार्य भी करती है। एसटरेसी कुल सार्वधिक बड़ा है जिसमें सार्वधिक प्रजातियाँ मिलती है। यह हाटिकल्चर के लिए भी महत्वपूर्ण कुल है। इस अवसर पर प्रो.जीतराम,प्रो.ललित तिवारी,डॉ.सुषमा टम्टा, डॉ.विजय कुमार, श्री विधान चौधरी,श्री पदम सिंह बिष्ट,श्री,मनीष जोशी,श्री दीपक देव एवम श्री पीतांबर मौजूद रहें।

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